बस गुज़र गई ज़िन्दगी सारी इसी उधेड़ बुन में ...

Jaswinder Singh Baidwan

Akhran da mureed
Staff member
किसी की तल्ख़ी, किसी की शिकायत
किसी का रह्मों-करम, और किसी की इनायत
किसी से बेरुख़ी, और बेसुध किसी की धुन में ...
ख़ुद के लिए कभी एक पल नहीं जिया “jb”
किस के लिए जिएँ कैसे, बस गुज़र गई ज़िन्दगी सारी इसी उधेड़ बुन में ....।।
 
Top