भूल जाइए जनाब,कम नहीं होंगे पेट्रोल-डीजल, र&#2

यदि आप यह सोच रहे है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्वदेश लौट कर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें कम कर सकते हैं। तो यह खबर आपको निराश कर सकती है।

प्रधानमंत्री ने अपने विशेष विमान में पत्रकारों से बात करते हुए साफ किया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों में लंबे समय से सब्सिडी दी जा रही है। जिसका हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री जी-20 सम्मेलन में शिरकत करने के बाद भारत लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण अब खत्म हो चुका है। इसी तर्ज पर जल्दी ही डीजल की कीमतों को भी फ्री कर दिया जाएगा।

तेल कंपनियां काफी समय से सरकार पर दबाव डाल रही थी कि वो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बढ़ाए। तेल कंपनियों को 115 करोड़ रुपये का घाटा प्रतिदिन हो रहा था। अभी तेल कीमतें बढ़ाने के बाद भी कंपनियों को 53,000 करोड़ का घाटा होगा। हांलाकि डीजल को डिरेगुलेट नहीं किया गया है लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहा कि उसे भी जल्दी डिरेगुलेट कर दिया जाएगा।

फिलहाल बढ़ेगी महंगाई

दूसरी ओर, वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी पहले ही कह चुके हैं कि पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी का अल्पावधि में महंगाई पर जरूर असर होगा, लेकिन जुलाई के मध्य से कीमतों का दबाव कम होने लगेगा।

गौरतलब है कि 25 जून को अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) ने पेट्रोल कीमतों को डीरेगुलेट करने के फैसले पर मुहर लगा दी है। जिसके बाद पेट्रोल-डीजल समेत केरोसीन और एलपीजी सिलेंडर भी महंगा हो गया है। तेल कंपनियों के घाटे के बोझ को जनता पर लादने के इरादे से सरकार ने तेल कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया है। जिसके बाद पेट्रोल 3.7 रुपये, केरोसीन 3 रुपये और एलपीजी सिलेंडर 35 रुपये महंगा हो गया है।
 
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