बाढ़ से बनीं कसौली की पहाड़ियां

चंडीगढ़ के आसपास दिखने वाली कसौली की ऊंची पहाड़ियां दो करोड़ साल पहले आई भयंकर बाढ़ से बनी हैं। कसौली समेत समूची शिवालिक की पहाड़ियों का बड़ा हिस्सा इसी प्रक्रिया के बाद अस्तित्व में आया।

कसौली में नेशनल जियो पार्क बनाने के लिए चल रहे काम के दौरान पाए गए वुड और फूल-पत्तियों के जीवाश्मों के आधार पर भूविज्ञानियों ने यह निष्कर्ष निकाला है। पार्क बनाने में जुटी गवर्नमेंट म्यूजियम के डायरेक्टर एनपीएस रंधावा, पीयू के रिटायर्ड प्रोफेसर व जियोलॉजिस्ट एडी आहलुवालिया और डॉ. रितेश आर्या की टीम को अलग-अलग जगहों पर मिले जीवाश्मों से कई राज सामने आ रहे हैं। रंधावा को यहां दो करोड़ साल पुराना एक वुड फॉसिल मिला है।

पांच मीटर लंबे पत्थर में तब्दील हो चुका यह वुड फॉसिल इस बात का प्रमाण है कि दो करोड़ साल पहले यहां नदियां थीं। प्रो. आहलुवालिया ने बताया कि यह फॉसिल बाहर से तो पत्थर बन चुका है लेकिन अंदर से अभी भी रेत है। जो वक्त के साथ पत्थर में तब्दील हो जाती है। यही नहीं, कसौली से लेकर शिवालिक का बड़ा हिस्सा इन्हीं नदियों की बाढ़ से हुई तबाही के बाद बना। पूरा कसौली शहर सैंड जोन में आता है। यानी यह शहर रेत के ऊपर बना है।

इसी की वैज्ञानिक पड़ताल के बाद पता चला कि यहां दो करोड़ साल पहले बाढ़ आई। इस बाढ़ के साथ आए पेड़ और फूल, पत्ते अब यहां जीवाश्म के रूप में भूविज्ञानियों की मदद कर रहे हैं। इन जीवाश्मों को नेशनल जियो पार्क में रखा जाएगा
 
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