Punjab News बादल के हस्तक्षेप के बाद टला दो मंत्रियों &#23

हर साल करोड़ों रुपए के अनाज को सड़ने से बचाने के लिए पंजाब में गोदामों की क्षमता 71 लाख टन और बढ़ाने की मुहिम शुरू होने से पहले ही विवादों में आ गई थी। दो विभागों के मंत्रियों की मूंछ का सवाल बने इस विवाद को हल करने के लिए आखिरकार मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को हस्तक्षेप करना पड़ा।

दरअसल फूड एंड सप्लाई मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों नए बनने वाले गोदाम अपने विभाग के जरिए बनवाना चाहते थे, जबकि इससे पहले राज्य में जितने भी गोदाम बने हैं वह या तो राज्य वेयरहाउसिंग कॉपरेरेशन ने बनाए या फिर सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉपरेरेशन ने। इसके अलावा एफसीआई भी गोदाम बनाती है लेकिन फूड एंड सप्लाई विभाग ने कभी गोदाम नहीं बनाए।

चूंकि स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों ने ही सारी मेहनत की थी इसलिए इसका फल भी वह स्वयं चखना चाहते थे। कैरों ने अपने विभाग की कॉपरेरेशंस पनग्रेन से गोदाम बनाने के लिए टेंडर लगाने को कहा तो कृषि मंत्री सुच्च सिंह लंगाह को यह नागवारा गुजरा। केंद्र सरकार ने राज्य में 71 लाख टन की क्षमता बढ़ाने की मंजूरी दी है जो निजी सेक्टर के जरिए बढ़ाई जानी है। एफसीआई की किराये की गारंटी पर वेयरहाउसिंग कापरेरेशन ने यह गोदाम तैयार करवाने थे। लंगाह ने भी अपने विभाग से टेंडर निकलवा दिए जिससे मामला काफी उलझ गया। यहां तक कि एफसीआई के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर को भी यह निर्देश देने पड़े कि मसला सुलझाया जाए।

चूंकि एक ओर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दामाद आदेश प्रताप सिंह कैरों हैं और दूसरी ओर उनके निकट समझे जाने वाले सुच्च सिंह लंगाह हैं, ऐसे में मसले का हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एससी अग्रवाल से कहा। अंत में दोनों महकमों के बीच समझौता हुआ कि वे आधे आधे गोदाम बनाएंगे।
 

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