Lyrics बिंदिया तरसे कजरा बरसे - Bindiya Tarse Kajra Barse (Lata Mangeshkar, Phir Wahi Raat)

बिंदिया तरसे, कजरा बरसे
आये ना साजना
ढल गई रैना, बुझ गई बाती
मैं खड़ी आँगना
बिंदिया तरसे...

मैं प्यासी पिया आवन की
कोयल सी बिन सावन की
भटकूँ रे साथी बिना
बिंदिया तरसे...

याद करूँ जब सूरतिया
और जलें भीगी अँखियाँ
कुछ मोहे सूझे ना
बिंदिया तरसे...

ढूँढ थकी सब द्वार गली
रात यूँ ही फिर बीत चली
आए पिया अजहुँ ना
बिंदिया तरसे...
 
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