~¤Akash¤~
Prime VIP
बिछुड़ के उस से दुनिया मैं अब रहूँ कैसे
चला गया हैं वो, ये खुद से अब कहूँ कैसे
उसी के दम से मेरी ज़िन्दगी मुकम्मल थी
मैं एक कतरा हूँ तनहा सा अब बहूँ कैसे
हज़ार जन्मो से यारों मैं बस उसी का था
ये एक बात थी दिल में मगर कहूँ कैसे
लिखा हैं रोज ही आँखों ने कुछ तो चेहरे पर
मैं उसकी यादों को दिल से जुदा कहूँ कैसे....
चला गया हैं वो, ये खुद से अब कहूँ कैसे
उसी के दम से मेरी ज़िन्दगी मुकम्मल थी
मैं एक कतरा हूँ तनहा सा अब बहूँ कैसे
हज़ार जन्मो से यारों मैं बस उसी का था
ये एक बात थी दिल में मगर कहूँ कैसे
लिखा हैं रोज ही आँखों ने कुछ तो चेहरे पर
मैं उसकी यादों को दिल से जुदा कहूँ कैसे....