Palang Tod
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अमेरिकी फौज में 28 वर्र्षो बाद एक सिख युवक तेजदीप सिंह रतन ने अपनी बेसिक ट्रेनिंग पगड़ी और धार्मिक चिन्हों के साथ पूरी की है।
दरअसल 1981 में अमेरिकी फौज ने अपने सिपाहियों के लिए किसी तरह के भी धार्मिक चिन्ह पहनने पर रोक लगा दी थी। इसमें सिखों की पगड़ी और केश भी शामिल थे। पिछले साल अप्रैल में तेजदीप ने सेना अधिकारियों से आवेदन किया था कि उसे सेना में सेवा का मौका धार्मिक चिन्हों के साथ दिया जाए। अधिकारियों ने उसके अनुरोध को मान लिया और तेजदीप ने पूरी ट्रेनिंग पगड़ी के साथ ही पूरी की।
दिलचस्प बात यह है कि भारत के साथ ही सिख ब्रिटेन और कनाडा की फौज के साथ ही शांति सेना में भी पगड़ी पहनकर सेवा कर रहे हैं। सिख कोएलिशन की लीगल डायरेक्टर हरसिमरन कौर का मानना है कि जल्द ही अमेरिकी फौज पुन: सिख सैनिकों का रास्ता खोलेगी।
दरअसल 1981 में अमेरिकी फौज ने अपने सिपाहियों के लिए किसी तरह के भी धार्मिक चिन्ह पहनने पर रोक लगा दी थी। इसमें सिखों की पगड़ी और केश भी शामिल थे। पिछले साल अप्रैल में तेजदीप ने सेना अधिकारियों से आवेदन किया था कि उसे सेना में सेवा का मौका धार्मिक चिन्हों के साथ दिया जाए। अधिकारियों ने उसके अनुरोध को मान लिया और तेजदीप ने पूरी ट्रेनिंग पगड़ी के साथ ही पूरी की।
दिलचस्प बात यह है कि भारत के साथ ही सिख ब्रिटेन और कनाडा की फौज के साथ ही शांति सेना में भी पगड़ी पहनकर सेवा कर रहे हैं। सिख कोएलिशन की लीगल डायरेक्टर हरसिमरन कौर का मानना है कि जल्द ही अमेरिकी फौज पुन: सिख सैनिकों का रास्ता खोलेगी।