अलगाववादी कहने पर भड़के कनाडा के सिख

प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा कनाडा के सिखों को अलगाववादी और आतंकवादी कहने पर वहां के सिख भड़क गए हैं। विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने कनाडा के सभी विधायकों और सांसदों को पत्र लिखकर कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी सभी सिखों को बदनाम करने वाली है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि कनाडा के सिखों ने 84 के दंगों के दोषियों को सजा देने के लिए मुहिम चला रखी है इसलिए भारत की सरकार जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश में लगी हुई है। कनाडा के सिखों की कोशिश के कारण ही यह मामला कनाडा की संसद में लाया जा रहा है।

काबिलेगौर है कि प्रधानमंत्री इन दिनों कनाडा की यात्रा पर हैं। उन्होंने सिखों की काली सूची पर भी गौर करने से इन्कार कर दिया है। इससे भारत सहित कनाडा का सिख समुदाय भी प्रधानमंत्री से खासा नाराज है। संगठनों ने कनाडा के विधायकों और सांसदों से कहा है कि वे चूंकि उनके प्रतिनिधि हैं इसलिए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से उनकी इस टिप्पणी का उचित जवाब मांगें। यह भी पूछें कि 84 के कत्लेआम के दोषियों को सजा दिलाने में इतनी ढील क्यों बरती गई है? इसके अलावा सिखों के चरित्र हनन को रोकने पर भी बात करें। विभिन्न संगठनों ने आरोप लगाया कि खुफिया एजेंसियां उनके बारे में भारत सरकार को गलत सूचनाएं दे रही हैं। संगठनों ने भारत लौटने के इच्छुक सिखों को लगी पाबंदी हटाने की भी मांग की है।
 
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