आम बजट: हरियाणा खुश, पंजाब मायूस

चंडीगढ़. हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आम बजट की सराहना करते हुए कहा है कि इससे अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और समाज के सभी वर्गों खासकर गरीब, किसान, महिला और कर्मचारी वर्गों को लाभ पहुंचेगा।


मुख्यमंत्री ने बजट में फसली ऋणों की समय पर अदायगी करने वालों के लिए आर्थिक सहायता को एक प्रतिशत से बढ़ाकर दो प्रतिशत करने और बिजली क्षेत्र के लिए योजना आबंटन 5130 करोड़ रुपए करने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना क्षेत्र के लिए नए करों में प्रोत्साहन की घोषणा से ढांचागत विकास को गति मिलेगी।


उन्होंने कहा कि शहरी गरीबों और मलिन बस्ती के लिए राजीव आवास योजना के आबंटन सात सौ प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव अति सराहनीय है। उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के लिए 50 प्रतिशत की वृद्घि करके 2600 करोड़ रुपए करने के प्रस्ताव की भी सराहना की।


हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने केन्द्रीय आम बजट को एक प्रगतिशील और आम आदमी का बजट बताया है। उनके मुताबिक इससे समाज के गरीब वर्ग के लोगों को विशेष राहत मिलेगी। किसानों को फसली कर्जो पर दी जाने वाली सब्सिडी 1 प्रतिशत से बढा़कर 2 प्रतिशत कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत दी जाने वाली रकम तीस हजार रुपए से बढ़ाकर 45 हजार रुपए करना अत्यंत सराहनीय कदम है।


बादल बोले, आम आदमी की पीठ में छुरा घोंपा


पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने केंद्रीय बजट की कड़ी आलोचना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट के माध्यम से केंद्र सरकार ने आम आदमी की पीठ मंे छुरा घोंपने का काम किया है। इससे विकास की गति धीमी होगी और यह श्रमिक श्रेणी के कर्मचारियों, छोटे व माध्यम व्यापारियों और किसानों के हितों को भारी क्षति पहुंचाएगा। पहले ही कठिनाई भरी जिंदगी जी रहे किसानों की और कमर तोड़ेगा।


शुक्रवार को जारी एक प्रेस बयान में बादल ने कहा कि यह बजट पंजाब की इच्छाओं के लिए बड़ा धक्का है। यहां के लोगों ने उम्मीद लगा रखी थी कि किसानों की मदद के लिए बड़ा निवेश किया जाएगा और राज्य के उद्योग को संकट से निकालने की कोई व्यवस्था की जाएगी।


बादल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों को रियायती पैकेज देने के कारण पंजाब पहले ही औद्योगिक संकट का शिकार है। इस बजट में भी पंजाब में निवेश बढ़ाने और बेरोजगारी पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया।


उधर, उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पंट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह न केवल कृषि सेक्टर और आम आदमी के हितों के विरूद्ध है बल्कि यह आगे और समस्याएं भी पैदा करेगा।


उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए बढा योगदान दिया है। जिनको इस बजट में पूरी तरह नंजरअदांज किया गया है जबकि राज्य में किसानी सेक्टर को कुछ विशेष रियायतें दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने हरित क्रांति के प्रसार के लिए 400 करोड रुपये रखे जाने की आलोचना करते हुये कहा कि इस समूचे देश के लिए तुश मात्र है जिसमें से पंजाब को कुछ भी मिलने की उम्मीद नही। उन्होंने कहा कि राज्य की नहरी प्रणाली का स्तर उच्च उठाने के लिए वितिय सहायता की विशेष व्यवस्था किये जाने की जरूरत थी। जिसको राज्य 3500 करोड रुपए की लागत से अपने स्तोत्रों के द्वारा नवीनीकरण कर रहा है।
 
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