आखिर गिलानी से मिल ही गए मनमोहन

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाक के पीएम यूसुफ रजा गिलानी यहां हो रहे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के दौरान आपस में मिलने से
कतराते रहे, मगर आखिर वे राष्ट्रपति ओबामा द्वारा दिए गए डिनर के दौरान एक-दूसरे से रूबरू हो ही गए। हालांकि उनकी यह मुलाकात संक्षिप्त रही। सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक 26 अप्रैल को भूटान में हो रहे सार्क सम्मेलन के दौरान होने की उम्मीद है।

डिनर के दौरान आमने-सामने हुए मनमोहन और गिलानी ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और करीब पांच मिनट तक आपस में बातचीत की। सूत्रों की मानें तो रिसेप्शन पार्टी में इस भेंट की पहल गिलानी ने ही की। वह खुद चलकर मनमोहन तक पहुंचे। फिर दोनों गर्मजोशी से मिले, चेहरों पर मुस्कान थी और कुछ देर तक एक-दूसरे का हाथ थामे रहे। उन्होंने आपस में बातचीत की, पर किस मुद्दे पर यह साफ नहीं हो पाया। गौरतलब है कि परमाणु सम्मेलन में शिरकत करने यहां आए सिंह और गिलानी ने कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की है, मगर ये आपस में नहीं मिले।

लश्कर के खिलाफ और सबूत चाहता है पाक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी ने पाकिस्तानी धरती से भारत पर आतंकवादी हमले करने वाले संगठनों को बर्दाश्त न करने का वादा किया है, लेकिन उन्होंने मुंबई हमले को अंजाम देने वाले संगठन लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने लिए अभी और सबूतों की जरूरत बताई। गिलानी ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चिंताओं के संदर्भ में राष्ट्रपति ओबामा ने मेरे साथ लश्कर के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास अधिक प्रभावी सबूत होंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हेडली पर अमेरिकी एनएसए से मिले मेनन

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन अपने अमेरिकी समकक्ष जेम्स जोन्स से मिले और उन तौर-तरीकों पर चर्चा की जिससे भारत को मुंबई हमले के संदिग्ध आतंकवादी डेविड हेडली से पूछताछ के लिए उस तक पहुंच दी जाए। दोनों के बीच अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि पीएम सिंह ने राष्ट्रपति ओबामा से हुई अपनी मुलाकात में भी हेडली तक एक्सेस की बात उठाई थी।
 
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