आइए देश के 17 बेटों को बचाइए

शारजाह में एक पाकिस्तानी युवक के कत्ल के जुर्म में 17 भारतीयों को मौत की सजा घोषित की गई है। इन युवकों को फंसाया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने देश के इन युवकों को बचाने के लिए मिशन शुरू किया है । इस मिशन में पंजाब के तमाम नेताओं ने खुलकर पहल की है। आइए डालते हैं पूरे मामले पर एक नजर :

भारत के 17 युवकों को शारजाह में मृत्युदंड की खबर से पूरा देश व्याकुल है। देशवासी महसूस करते हैं कि यह हमारे साथ अन्याय हो रहा है। जुल्म हो रहा है। निश्चित तौर पर आप भी यहीं अनुभव कर रहे हैं। सारे देशवासियों का दिल आज रो रहा है। इसलिए आपसे और भारत सरकार से आग्रह है कि देश के इन बेटों को बचाने के लिए सब कुछ कीजिए, असंभव और संभव भी। यह पत्र सेहत मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को लिखा है।

पत्र में उन्होंने कहा है कि भारत के जो लोग विदेश में काम करने या अन्य किसी कारण से गए हैं, उनकी रक्षा भारतीय दूतावासों को करनी चाहिए। ऐसा लगता है कि यह पूरी तरह नहीं हो रहा है। अगर आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान में अपराधी तत्व किसी भारतीय को चोट पहुंचाते हैं तो हम विरोध करते हैं मगर कितना अच्छा हो कि कोई विदेशी भारतवासियों पर हाथ उठाने का साहस ही न कर पाए।

चावला ने कहा है कि अच्छा हो अगर अपने देश में ही लोगों को रोजगार मिले। साधारण मजदूरी के लिए भी बच्चों को विदेश में धक्के खाने पड़ रहे हैं। वैसे वह जानती हैं कि कुछ लोगों में विदेश जाने की इच्छा कितनी प्रबल हो गई है। इसके बावजूद अपने देश में काम न मिलना इसका बड़ा कारण है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इस समय तो अपना सारा प्रभाव इस्तेमाल कर उन 17 युवकों बचाएं जो मौत की सजा पा चुके हैं। इन युवकों को एक पाकिस्तानी की मृत्यु के लिए दंडित करने की घोषणा की गई है।

एसजीपीसी आगे आई

एसजीपीसी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने भी प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को पत्र भेजकर शारजाह में 17 पंजाबी नौजवानों को सुनाई गई फांसी की सजा माफ कराने के लिए तुरंत दखलंदाजी करने की मांग की है। मक्कड़ ने पत्र में कहा है कि इन नौजवानों ने संयुक्त अरब अमीरात के धर्म, प्रभुसत्ता, एकता व अखंडता और सरकार की खुदमुखत्यारी को कोई चुनौती नहीं दी है, न ही देशद्रोह जैसा कोई संगीन अपराध किया है।

कुछेक युवकों की आपसी झड़प के दौरान किसी पाकिस्तानी मूल के नागरिक की मौत हो जाने के केस में इन नौजवानों को फांसी की सजा सुनाना घोर अन्याय और ंमानवाधिकारों का उल्लंघन है। फांसी की सजा की खबर से इन नौजवानों के परिजन काफी चिंतित हैं, उन्हें अपना व बच्चों का भविष्य धुंधला दिखाई दे रहा है। मक्कड़ ने प्रधानमंत्री से नौजवानों का जीवन बचाने के लिए निजी दिलचस्पी लेते हुए मामले में तुरंत दखलंदाजी कर कूटनीतिक तरीके से कार्रवाई करने की अपील की है।

फरियाद है इंसाफ हो

शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी ने फील्डगंज स्थित जामा मस्जिद में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दुबई सरकार से 17 पंजाबी नौजवानों को रिहा करने की अपील की हैं। शाही इमाम ने कहा कि हम शरई अदालत के फैसले पर किसी तरह की नुकताचीनी नहीं कर रहे। शरियत रोशनी में दुबई सरकार से गुजारिश करते हैं कि इस मामले में एक बार फिर गौर किया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब के दीनी मरकज की और से फौरी तौर पर इस मामले में कुरान पाक की दलीलों के साथ शरियत की रोशनी में एक खत दुबई सरकार को फैक्स के माध्यम से भेज दिया गया हैं।

दुबई सरकार की ओर से इन नौजवानों की मृत्यु दंड की सजा माफ करवाने के लिए जुमा की नमाज भी अदा की गई। आयोजन के दौरान मुहम्मद सलमान, मुहम्मद उसमान रहमानी, मुहम्मद मुस्तकीम अहरारी, गुलाम हसन कैंसर, मौलाना इमरान, मौलाना सईद, मौलाना राफे, मौलाना शमसुद्धीन व हाफिज मुहम्मद इसराईल उपस्थित रहे।

उधर शिरोमणि अकालीदल के महासचिव जतिंदरपाल सिंह सलूजा ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भारतीय मूल के इन 17 लोगो की मृत्युदंड माफ करवाने के लिए दुबई सरकार पर दबाव बनाने के लिए कहा हैं। इस संबंधी मीटिंग का आयोजन गिलरोड स्थित कार्यालय में किया गया। इस दौरान सुखजिंदर सिंह जोड़ा, प्रिंसीपल इकबाल सिंह, दमनदीप सिंह सलूजा, हरकमल सिंह आदि मौजूद थे।

बचाएंगे नौजवानों को

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से शारजहां अदालत द्वारा 17 भारतीयों को मौत की सजा सुनाने के मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने को कहा है। बादल ने कहा 17 में से 16 पंजाब से हैं जिन्हें एक पाकिस्तानी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें और उन युवाओं को बचाने की पूरी कोशिश करें ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति की हत्या में 17 युवाओं को शामिल किया गया है इससे साफ जाहिर है कि कहीं न कहीं अन्याय हुआ है। बादल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री विदेश मंत्रालय को यह भी निर्देश दें कि उन पीड़ित युवाओं को हर हालत में कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी लेबर काम करने में कुश्ल है और पिछले 25 सालों से यूएई और अन्य मध्य पूर्वी देशों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

उन्होंने कहा कि ये सभी युवा अपने परिवारों के एकमात्र कमाने वाले हैं और इन ज्यादातर परिवारों ने अपनी जमीनें गिरवी रखकर यूएई का वीजा लगाने का प्रबंध किया था। बादल ने कहा कि कुछ साम्प्रदायिक संगठन इस घटना को साम्प्रदायिक रंगत दे रहे हैं।

लोभपा दुबई जाएगी

अगर अमेरिया, इंगलैंड, आस्ट्रेलिया जर्मनी किसी भी मामले में फंसे अपने नागरिकों की मदद कर सकती है तो भारत सरकार को भी चाहिए कि वे इस मामले को लेकर संयुक्त अरब अमिरात सरकार के समक्ष बातचीत कर रहम की अपील करे। इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देने के लिए अब महज सिर्फ दस दिन बचे हैं। इस बात को ध्यान में रख कर लोभपा का एक प्रतिनिधिमंडल यूएई जाकर वहां कानूनी विशेषज्ञों से बातचीत कर समस्या का निदान निकालने का प्रयास करने जा रही है। -बलवंत सिंह रामूवालिया, अध्यक्ष लोभपा
 
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