~¤Akash¤~
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मुझे उससे महोब्बत हो गई यारब
मैं एक मंदिर वो मूरत हो गई यारब
उसें ही सोचता रहता हूँ हर पल
ना जाने कैसे फितरत हो गई यारब
नये फूलों से ले के आयी हैं खुशबु हवाएं
ये दुनिया आज जन्नत हो गई यारब
हर एक चेहरे में उसको देखता हूँ
ज़माने भर से चाहत हो गई यारब
मेरी नजरों को रखना पाक तू बस मेरे मौला
आँखों में उसे भरने की आदत हो गई यारब....
मैं एक मंदिर वो मूरत हो गई यारब
उसें ही सोचता रहता हूँ हर पल
ना जाने कैसे फितरत हो गई यारब
नये फूलों से ले के आयी हैं खुशबु हवाएं
ये दुनिया आज जन्नत हो गई यारब
हर एक चेहरे में उसको देखता हूँ
ज़माने भर से चाहत हो गई यारब
मेरी नजरों को रखना पाक तू बस मेरे मौला
आँखों में उसे भरने की आदत हो गई यारब....