bhoot_hun_mai
@L0nE DuDE
चलो कुछ देर साथ साथ रहा जाए,
चुप रहकर एकसाथ ये दर्द सहा जाए
कैसी कैसी उँच-नीच इस मन के साथ हुआ करती है,
एक दूजे के मन पर चलो मरहम आज लगाया जाए
साथ रहकर भी छिटके से जीते रहे हम सदा
ज्यादा कुछ नहीं तो आंखें ही बस मिलाई जाए ...
इन रिश्तों ने ख्वाबों को भी सख्त सा बना डाला है,
पीले फूलों की नर्म शोखी इन पलकों को दिखाई जाए
ये वक्त की पाबंदिया 05; बेगारी की ज़िन्दगी ...
कुछ पल के लिए तो कहीं ठौर बनाया जाए!
बरसों हुए फूलों की बातें भी किए,
नंगे पांव खेतों में सैर को चला जाए
हम साथ रहे तो सचमुच आसां गुजरता है दिन
चलो इस ज़िन्दगी को साथ साथ जिया जाए ...
चुप रहकर एकसाथ ये दर्द सहा जाए
कैसी कैसी उँच-नीच इस मन के साथ हुआ करती है,
एक दूजे के मन पर चलो मरहम आज लगाया जाए
साथ रहकर भी छिटके से जीते रहे हम सदा
ज्यादा कुछ नहीं तो आंखें ही बस मिलाई जाए ...
इन रिश्तों ने ख्वाबों को भी सख्त सा बना डाला है,
पीले फूलों की नर्म शोखी इन पलकों को दिखाई जाए
ये वक्त की पाबंदिया 05; बेगारी की ज़िन्दगी ...
कुछ पल के लिए तो कहीं ठौर बनाया जाए!
बरसों हुए फूलों की बातें भी किए,
नंगे पांव खेतों में सैर को चला जाए
हम साथ रहे तो सचमुच आसां गुजरता है दिन
चलो इस ज़िन्दगी को साथ साथ जिया जाए ...