सज्जन कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट

84 सिख दंगे के मामले में आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के नाम दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने गैर-जमानती वॉरंट जारी कर
दिया है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह 23 फरवरी तक इस पर तामिल करे।

निचली अदालत ने सज्जन कुमार के वकील की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चूंकि हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी गई है ऐसे में पेशी से छूट दी जाए। सज्जन कुमार की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल अग्रिम जमानत की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत पर सुनवाई गुरुवार तक टाले जाने के बाद बुधवार को 3 बजे निचली अदालत में सज्जन कुमार के वकील आई. यू. खान पेश हुए और कहा कि हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी है ऐसे में सज्जन कुमार को पेशी से दो दिनों के लिए छूट दी जाए। इस पर मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट (एमएम) ने पूछा कि क्या हाई कोर्ट ने निचली अदालत की सुनवाई पर स्टे किया है तो खान ने बताया नहीं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 3 दिनों के लिए पेशी से छूट दी जाए अगर अग्रिम जमानत नहीं मिली तो सज्जन सहित अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हो जाएंगे।

सीबीआई के वकील ने सज्जन कुमार के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी कोर्ट प्रोसेस को गंभीरता से नहीं ले रहे। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोई प्रोटेक्शन नहीं दिया है। अगर हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली तो ये सुप्रीम कोर्ट चले जाएंगे और मामला लटकता रहेगा। सही मायने में आरोपी आंखमिचौनी खेल रहे हैं और समन के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं होना चाहते। सुनवाई के दौरान पीड़ितों के वकील एच. एस. फुलका ने कहा कि हाई कोर्ट पहले ही इस केस को 6 महीने में निपटाने के लिए कह चुकी है।

अदालत ने कहा कि अग्रिम जमानत की अर्जी पेंडिंग होने की बात पर पेशी से छूट मांगी जा रही है जो पुख्ता आधार नहीं हो सकता क्योंकि हाई कोर्ट ने प्रोसिडिंग को कोई स्टे नहीं किया है या फिर आरोपी को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। इस कोर्ट ने आरोपी के नाम समन जारी किया था और उनकी ड्यूटी है कि वह अदालत का सम्मान करें। कोर्ट के पास कोई और विकल्प नहीं है। अदालत ने सज्जन सहित अन्य आरोपियों के नाम गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया और सीबीआई से 23 फरवरी तक इस पर तामिल करने को कहा है।
 
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