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शादी से पहले सेक्स के मामले में ग्रामीण नौजवान शहरी यूथ से काफी आगे हैं। यह बात भारत सरकार कह रही है। केंद्रीय हेल्थ
मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद ने एक सर्वे जारी किया है, जिसमें यह बात कही गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 15 पर्सेंट पुरुष और 4 पर्सेंट महिलाएं शादी से पहले सेक्स संबंध बनाते हैं। लेकिन हेल्थ और फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री द्वारा कराई गई इस स्टडी में पाया गया है इन नौजवानों में ग्रामीणों की तादाद कहीं ज्यादा है। स्टडी के मुताबिक गांवों में 17 पर्सेंट पुरुष शादी से पहले सेक्स संबंध बनाते हैं, जबकि शहरों में इनकी तादाद सिर्फ 10 पर्सेंट है। इस मामले में महिलाएं भी गांवों में ही आगे हैं। गांवों में 4 पर्सेंट महिलाएं शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाती हैं, जबकि शहरों में इनकी तादाद सिर्फ 2 पर्सेंट है।
इस स्टडी में सेक्स एजुकेशन को बेहद जरूरी बताते हुए कहा गया है कि रूरल और अर्बन दोनों ही इलाकों में नौजवान असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं।
यह स्टडी छह राज्यों में की गई है। ये राज्य हैं - आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु। साल 2006 से 2008 के बीच हुई इस स्टडी में 15 से 29 साल के 58,000 नौजवानों को शामिल किया गया था।
इस बारे में हेल्थ मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 19 साल के कम उम्र के 8 पर्सेंट से ज्यादा युवा सेक्स संबंधों में इन्वॉल्व हैं, जिससे पता चलता है कि देश में सेक्स एजुकेशन कितनी जरूरी हो गई है।
इस स्टडी के मुताबिक शादी से पहले सेक्स के मामलों में कॉन्डम का इस्तेमाल न के बराबर होता है। इतना ही नहीं, जो लोग शादी से पहले ऐसे संबंध बनाते हैं, उनमें से ज्यादातर के एक से ज्यादा पार्टनर्स होते हैं।
रिपोर्ट के रिलीज के मौके पर मौजूद नॉबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि लोगों कॉन्ट्रासेप्टिव्स की जानकारी तो काफी है, लेकिन इनका इस्तेमाल बहुत कम है। इसका पता यहीं से चल जाता है कि 70 पर्सेंट से ज्यादा युवा नहीं जानते थे कि कॉन्डम का इस्तेमाल सिर्फ एक बार हो सकता है।
मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद ने एक सर्वे जारी किया है, जिसमें यह बात कही गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 15 पर्सेंट पुरुष और 4 पर्सेंट महिलाएं शादी से पहले सेक्स संबंध बनाते हैं। लेकिन हेल्थ और फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री द्वारा कराई गई इस स्टडी में पाया गया है इन नौजवानों में ग्रामीणों की तादाद कहीं ज्यादा है। स्टडी के मुताबिक गांवों में 17 पर्सेंट पुरुष शादी से पहले सेक्स संबंध बनाते हैं, जबकि शहरों में इनकी तादाद सिर्फ 10 पर्सेंट है। इस मामले में महिलाएं भी गांवों में ही आगे हैं। गांवों में 4 पर्सेंट महिलाएं शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाती हैं, जबकि शहरों में इनकी तादाद सिर्फ 2 पर्सेंट है।
इस स्टडी में सेक्स एजुकेशन को बेहद जरूरी बताते हुए कहा गया है कि रूरल और अर्बन दोनों ही इलाकों में नौजवान असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं।
यह स्टडी छह राज्यों में की गई है। ये राज्य हैं - आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु। साल 2006 से 2008 के बीच हुई इस स्टडी में 15 से 29 साल के 58,000 नौजवानों को शामिल किया गया था।
इस बारे में हेल्थ मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 19 साल के कम उम्र के 8 पर्सेंट से ज्यादा युवा सेक्स संबंधों में इन्वॉल्व हैं, जिससे पता चलता है कि देश में सेक्स एजुकेशन कितनी जरूरी हो गई है।
इस स्टडी के मुताबिक शादी से पहले सेक्स के मामलों में कॉन्डम का इस्तेमाल न के बराबर होता है। इतना ही नहीं, जो लोग शादी से पहले ऐसे संबंध बनाते हैं, उनमें से ज्यादातर के एक से ज्यादा पार्टनर्स होते हैं।
रिपोर्ट के रिलीज के मौके पर मौजूद नॉबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि लोगों कॉन्ट्रासेप्टिव्स की जानकारी तो काफी है, लेकिन इनका इस्तेमाल बहुत कम है। इसका पता यहीं से चल जाता है कि 70 पर्सेंट से ज्यादा युवा नहीं जानते थे कि कॉन्डम का इस्तेमाल सिर्फ एक बार हो सकता है।