लीबिया में 116 भारतीय बंधक, 74 राजस्थान के

जयपुर.बाहरी देशों में भेजने वाले एजेंटों की मिलीभगत से राजस्थान के 74 मजदूरों सहित 116 भारतीय लीबिया में बंधकों की तरह फंसे हैं। अच्छी पगार और बेहतर रोजगार का झांसा देकर भेजे गए ये मजदूर अब एक वक्त का खाना खाकर गुजर-बसर कर रहे हैं। उन्हें पूरा खाना देना तो दूर, कई लोग पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। काम कराने वाली कंपनी के लोग भी इन मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं।

लीबिया में सुनवाई नहीं होने पर इन मजदूरों ने अपने परिजनों को संदेश भिजवाया तो उनकी दशा के बारे में पता चला। मजदूरों ने भी लीबिया से फैक्स के जरिए कलेक्टर और सांसद किरोड़ी लाल मीणा को स्थिति से अवगत कराया। इन मजदूरों ने उन एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है जिन्होंने उन्हें ऐसी जगह भेजा और दुर्दशा के बारे में बताने पर भी सहयोग नहीं किया। लीबिया से भेजे गए फैक्स में दिल्ली और जयपुर के साथ दौसा और सवाई माधोपुर के एजेंटों के पते भी दिए गए हैं, जो उनकी दशा के लिए जिम्मेदार बताए गए हैं। परेशानी झेल रहे इन मजदूरों में दौसा के 14, टोंक के 2, सवाई माधोपुर के 3, सीकर के 9, चूरू के 18, नागौर के 4, करौली के 2, झुंझुनूं के 22 मजदूर हैं। पंजाब के 29, उत्तर प्रदेश के 2, बिहार के 9 व हरियाणा के 2 मजदूर इसी ग्रुप में शामिल हैं। शेष x पेज 4

इन मजदूरों ने अपनी दशा को लेकर लीबिया में भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। इससे परेशान होकर इन लोगों ने दौसा के कलेक्टर को पत्र लिखा और स्वदेश लौटने की व्यवस्था का आग्रह किया। सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में प्रवासी भारतीय विभाग के मंत्री वायलर रवि को ज्ञापन दिया और मजदूरों को वापस लाने में सहयोग का आग्रह किया।

मीणा ने विदेश मंत्री, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखे हैं। किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि सरकार से वे लगातार संपर्क में हैं और इन मजदूरों को सरकारी खर्च पर स्वदेश लाने के लिए प्रयासरत हैं।
 
Top