sweggar
Well-known member
नई बहू जब ससुराल आई
तो उसका जोरदार स्वागत
किया गया..
स्वागत के बाद नई बहू ने
निवेदन किया,
“मेरे प्यारे ससुराल वालो,
आप लोगो ने मेरा जिस प्यार
और आत्मीयता से स्वागत
किया,
उसके लिए आप सबका धन्यवाद !!
मैं आप सभी से कहना चाहती हूँ
कि
आज मैं इस घर में आई हूँ
तो कभी ऐसा मत सोचना कि मैं
आप
लोगो की जिंदगी में कोई
बदलाव लाऊंगी !!
विश्वास रखिये,
सब कुछ जैसे अब तक चलता था,
ठीक वैसे ही चलता रहेगा.”
...
ससुर ने पूछा– “तुम्हारे कहने
का क्या मतलब है, बेटी ?”
बहू ने जवाब दिया–
“मेरा मतलब है कि
जो खाना पकाता है वो वैसे
ही खाना पकाए, जो बर्तन
साफ़ करता है वह वैसे ही बर्तन
साफ़ करे,
जो कपड़े धोता है वो वैसे
ही कपड़े धोये,
जो घर की साफ़-सफाई करता है
वो वैसे ही सफाई करे
और बाकी जो भी काम घर में
होते है वो वैसे ही होते रहें
जैसे मेरे आने से पहले होते थे !!
सास ने पूछ लिया–
“तो फिर तुम्हें किसलिए लाये हैं
बहू ?
बहू– “मैं तो बस ….
आपके बेटे के मनोरंजन के लिए आई
हूँ.........
तो उसका जोरदार स्वागत
किया गया..
स्वागत के बाद नई बहू ने
निवेदन किया,
“मेरे प्यारे ससुराल वालो,
आप लोगो ने मेरा जिस प्यार
और आत्मीयता से स्वागत
किया,
उसके लिए आप सबका धन्यवाद !!
मैं आप सभी से कहना चाहती हूँ
कि
आज मैं इस घर में आई हूँ
तो कभी ऐसा मत सोचना कि मैं
आप
लोगो की जिंदगी में कोई
बदलाव लाऊंगी !!
विश्वास रखिये,
सब कुछ जैसे अब तक चलता था,
ठीक वैसे ही चलता रहेगा.”
...
ससुर ने पूछा– “तुम्हारे कहने
का क्या मतलब है, बेटी ?”
बहू ने जवाब दिया–
“मेरा मतलब है कि
जो खाना पकाता है वो वैसे
ही खाना पकाए, जो बर्तन
साफ़ करता है वह वैसे ही बर्तन
साफ़ करे,
जो कपड़े धोता है वो वैसे
ही कपड़े धोये,
जो घर की साफ़-सफाई करता है
वो वैसे ही सफाई करे
और बाकी जो भी काम घर में
होते है वो वैसे ही होते रहें
जैसे मेरे आने से पहले होते थे !!
सास ने पूछ लिया–
“तो फिर तुम्हें किसलिए लाये हैं
बहू ?
बहू– “मैं तो बस ….
आपके बेटे के मनोरंजन के लिए आई
हूँ.........