.गजल

[font=&quot].गजल[/font]
[font=&quot]जफ़ा की चोट से दिल टूट कर जब भी बिखर जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]कि फिर बदनाम होती है वफ़ा, उल्फत जिधर जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]मुझे एहसास है घर में कोई पहिचानता मुझको,[/font]
[font=&quot]यह आइना देखकर मेरी उम्र यूहीं गुज़र जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]मेरी यह ज़िन्दगी की नाव है चाहे बहुत जर्जर[/font][font=&quot],[/font]
[font=&quot]गमों के पर समंदर की यह लहरों में उतर जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]यह नफ़रत[/font],[font=&quot]आंधियाँ खेलें घरों पर बिज़लियाँ गिरती[/font][font=&quot],[/font]
[font=&quot]बताओ तुम चमन वालो किधर सहमा नगर जाए[/font][font=&quot] i [/font][font=&quot] [/font]
[font=&quot]किसी भी सफ़र पर अपनी कि अब मर्जी नहीं चलती, [/font]
[font=&quot]हवाएं रूख जिधर कर लें उधर हर इक बशर जाए [/font][font=&quot]i [/font][font=&quot] [/font]
[font=&quot]हक़ीकत को बयाँ करके ये सच ही जीतता अक्सर[/font][font=&quot],[/font]
[font=&quot]कि सच के कठघरे बीतर ये झूठा बयान डर जए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]मेरी गुम सुम है परछाई रहे यह जिंदगी तन्हा[/font][font=&quot],[/font]
[font=&quot]बहुत हंसती है तन्हाई मुझे जब देखकर जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]रहे जुम्मन का घर जलता अगर गलती है बाबर की[/font][font=&quot],[/font]
[font=&quot]यह मंज़र मंज़र हर तरफ देखूं जिधर मेरी नज़र जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]मेरी जब कल्पना उड़ कर है करती ख़ोज बिन्बों की[/font][font=&quot],[/font]
[font=&quot]ख्यालों की बुलंदी से यह तब शायरी निखर जाए[/font][font=&quot] i [/font]
[font=&quot]आर.बी.सोहल[/font]
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