साइबर हमले से चेताया केंद्र ने

साइबर हमले और साइबर आतंकवाद के बढ़ते खतरे के प्रति केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को चेताया है। कहा है कि इन हमलों से बचने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए। विभागों का ज्यों-ज्यों कम्प्यूटरीकरण हो रहा है, त्यों-त्यों साइट्स को हैक करने के खतरे बढ़ते जा रहे हैं।

पंजाब सरकार ने क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अभी तो नोडल विभाग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी को यह तक नहीं मालूम कि कौन सा विभाग किस किस्म के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर यूज करता है। यह भी जानने की जरूरत है कि उनका बैकअप प्लान क्या हैं? पंजाब के गृह विभाग की ओर से जो कमेटी बनाई गई है उसमें आईटी विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है जबकि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉंन्स टीम, नेशनल टेकिaकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन और नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को शामिल किया गया है। आईटी विभाग के प्रमुख सचिव सर्वेश कौशल ने सभी विभागीय सचिवों और वित्तायुक्तों को अपने विभागों की पूरी जानकारी, साफ्टवेयर और बैकअप के बारे में 31 मई तक बताने को कहा है ताकि उसके अनुसार साइबर हमले से बचाव की तकनीक तैयार की जा सके।

केंद्र सरकार की ओर से जो ड्राफ्ट भेजा गया है उसमें राज्य सरकार से नीति, कार्रवाई और जिम्मेदारी के बारे में बताने को कहा गया है ताकि यदि जरूरत हो तो केंद्र मदद कर सके। विभाग के एक तकनीकी माहिर ने बताया कि हैकर्स वेबसाइट्स को न केवल नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि वेब पेजों का कंटेट भी बदल देते हैं। इस कारण गलत जानकारियां मिलने लगती हैं, लेकिन बड़ा खतरा व्यवसायिक और वित्तीय संस्थानों के सिस्टम को नुकसान पहुंचाने से है।

यही नहीं कंप्यूटर में भेजे जाने वाले वायरस के चलते भी सिस्टम खराब हो रहे हैं। विभाग के एक तकनीकी सहायक के अनुसार इस समय हर रोज नए से नए वायरस कंप्यूटर सिस्टम पर हमले कर रहे हैं जिससे निपटने के लिए व्यापक तैयारी की जरूरत है। संवेदनशील विभागों से सूचनाएं चोरी करने जैसी घटनाएं भी हो रही हैं हालांकि अभी तक पंजाब में ऐसा कोई केस नहीं आया है, लेकिन तैयारी तो पहले से ही करनी होगी।
 
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