Chanakya Famous Minister and Mentor of Chandergupta Morya says
विवाह के बाद सुखी जीवन का एकमात्र मूल मंत्र है कि पति-पत्नी के बीच तालमेल सुखद रहे। किसी भी प्रकार का वाद-विवाद या मनमुटाव जीवन में खटास घोल सकता है। अत: इस रिश्ते को निभाने के लिए पति और पत्नी दोनों को ही आपसी समझदारी से रहना चाहिए। पत्नी के संबंध में आचार्य चाणक्य ने कुछ विशेषताएं बताई हैं, जिनसे पति और पत्नी दोनों का जीवन हमेशा खुशियों भरा होता है-
आचार्य कहते हैं-
सा भार्या या शुचिर्दक्षा सा भार्या या पतिव्रता।
सा भार्या पतिप्रीता सा भार्या सत्यवादिनी।।
वही पत्नी सबसे अच्छी है जो पवित्र है, घर के काम-काज में होशियार है, पतिव्रत धर्म का पालन करती है, पति और उसके परिवार का पूरा-पूरा ध्यान रखती है, धार्मिक आचरण वाली है।