Saini Sa'aB
K00l$@!n!
महारथी
झूठ आज से नहीं
अनन्त काल से
रथ पर सवार है
और सच चल रहा है
पाँव-पाँव
नदी पहाड़ काँटे और फूल
और धूल
और ऊबड़-खाबड़ रास्ते
सब सच ने जाने हैं
झूठ तो
समान एक आसमान में उड़ता है
और उतर जाता है
जहाँ चाहता है
क्रमश: बदली है
झूठ ने सवारियाँ
आज तो वह सुपरसॉनिक पर है
और सच आज भी
पाँव-पाँव चल रहा है
इतना ही हो सकता है किसी-दिन
कि देखें हम
सच सुस्ता रहा है
थोड़ी देर छाँव में
और
सुपरसॉनिक किसी झँझट में पड़कर
जल रहा है
झूठ आज से नहीं
अनन्त काल से
रथ पर सवार है
और सच चल रहा है
पाँव-पाँव
नदी पहाड़ काँटे और फूल
और धूल
और ऊबड़-खाबड़ रास्ते
सब सच ने जाने हैं
झूठ तो
समान एक आसमान में उड़ता है
और उतर जाता है
जहाँ चाहता है
क्रमश: बदली है
झूठ ने सवारियाँ
आज तो वह सुपरसॉनिक पर है
और सच आज भी
पाँव-पाँव चल रहा है
इतना ही हो सकता है किसी-दिन
कि देखें हम
सच सुस्ता रहा है
थोड़ी देर छाँव में
और
सुपरसॉनिक किसी झँझट में पड़कर
जल रहा है