मेरा साया

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
मेरा साया

बहुत डरा हुआ था
मेरा साया
जब चली थी मैं घर से
रास्ते में न जाने कितने
अनजान लोगों की भीड़ में
खो गया कहीं वो
आज ढूँढ रहा
मेरा साया
मुझे गली गली
मगर आज
अपने साये से मुँह फेर
निकल चुकी मैं दूर कहीं
मेरा वो पुराना साथी
खो चुका भीड़ में
पूरी तरह।
अकेले अकेली राहों पर
चलते चलते देर तक
जब थक चुकी मैं
तब अचानक
मुझे मिला कहीं वो
मेरा भटकता हुआ साया
मेरा हमदम
पर आज उन फिरी नज़रों को
फिरा न सकी मैं
जो गिरी थी नज़रें
उन्हें उठा न सकी मैं
मेरे साये ने पहचाना नहीं मुझे
कि इतनी दूर जा चुकी मैं
अपनी पहचान बनाने की कोशिश में।
 
Top