~¤Akash¤~
Prime VIP
छुपाकर कर रहा है फिर से मुझ पर वार कोई
वो शायद है मेरा ही आज फिर दिल दार कोई
किया ही कत्ल जिसने हर तरफ इंसानियत का
उसी के नाम का बनता नहीं हथियार कोई
समझी ही नहीं हमने कभी उसकी महोब्बत
छुपाता था सदा ही मुझसे वो इसरार कोई
थमे है आज दरिया साथ मे चुप है किनारे
चला है आज फिर तनहा सा ही उस पार कोई
देता है सभी के सर को जो तिरपाल यारों
उसी का ही नहीं है खुद यहाँ घर बार कोई
मेरे साथी तेरी जानिब कदम बढ़ते कहाँ से
रस्ते ही नहीं थे जब मेरे हम वार कोई
बहुत मासूम था कल तक अयान अब है फरेबी
करो ना आज तुम उसका यहाँ ऐतबार कोई....
वो शायद है मेरा ही आज फिर दिल दार कोई
किया ही कत्ल जिसने हर तरफ इंसानियत का
उसी के नाम का बनता नहीं हथियार कोई
समझी ही नहीं हमने कभी उसकी महोब्बत
छुपाता था सदा ही मुझसे वो इसरार कोई
थमे है आज दरिया साथ मे चुप है किनारे
चला है आज फिर तनहा सा ही उस पार कोई
देता है सभी के सर को जो तिरपाल यारों
उसी का ही नहीं है खुद यहाँ घर बार कोई
मेरे साथी तेरी जानिब कदम बढ़ते कहाँ से
रस्ते ही नहीं थे जब मेरे हम वार कोई
बहुत मासूम था कल तक अयान अब है फरेबी
करो ना आज तुम उसका यहाँ ऐतबार कोई....