कंजेशन चार्ज को लेकर बढ़ी टेंशन

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कंजेशन चार्ज को लेकर बढ़ी टेंशन



नई दिल्ली।। सदर बाजार, पहाड़गंज, चांदनी चौक और करोल बाग जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में आने वाले लोगों से कंजेशन चार्ज वसूलने के एमसीडी के प्रस्ताव से ट्रेडर्स ही नहीं, पब्लिक भी नाखुश है। सभी का मानना है कि एमसीडी पहले ही आम जनता और व्यापारियों से कई तरह के टैक्स वसूल रही है, लेकिन सुविधा के नाम पर आज तक एमसीडी ने ऐसा कुछ नहीं किया, जो याद हो। अब कंजेशन चार्ज लगाकर एमसीडी एक बार फिर जनता की जेब पर डाका डालने की योजना बना रही है। सदर बाजार और पहाड़गंज के व्यापारियों को डर है कि कंजेशन चार्ज लगने के बाद न सिर्फ उनके बिजनेस पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि महंगाई भी और बढ़ेगी।

दिल्ली व्यापार महासंघ और फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के चेयरमैन मनोहर लाल कुमार का कहना था कि जब ग्राहक मार्केट में आएगा, तो रश तो होगा ही। अब एमसीडी उसके नाम पर भी पैसे बनाने की कोशिश में लगी है। उन्होंने दावा किया कि अगर एमसीडी सदर बाजार में जरूरी सहूलियतें जैसे सड़क, पार्किंग, टॉयलेट्स आदि का सही इंतजाम कर दे, तो यहां सारी दुनिया के मुकाबले 15 पर्सेंट सस्ता माल मिलेगा। उनका मानना था कि सदर बाजार से कई छोटे व्यापारियों की रोजी-रोटी चलती है। अब क्या उन्हें यहां सामान लेने आने के लिए भी टैक्स देना पड़ेगा। उन्होंने साफ कहा कि अगर एमसीडी ने जबरन यह फैसला व्यापारियों या ग्राहकों पर थोपने की कोशिश की, तो इसके विरोध में दिल्ली का पूरा व्यापार बंद किया जाएगा।

चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के जनरल सेके्रटरी संजय भार्गव के मुताबिक एमसीडी का कंजेशन चार्ज लागू करने का फैसला किसी भी सूरत में सही नजर नहीं आता। एमसीडी को इसे लागू करने में भी कठिनाई होगी। एमसीडी को पहले भीड़भाड़ वाले बाजारों में बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक करना चाहिए, पार्किंग बनानी चाहिए, उसके बाद इस तरह के चार्ज वसूलने चाहिए लेकिन यहां तो उलटा हो रहा है। एमसीडी दुनिया के दूसरे बड़े शहरों की कॉपी करके कंजेशन चार्ज लगाने का प्रस्ताव तो ले आई, लेकिन पहले उसे यह देखना चाहिए कि लंदन, सिंगापुर जैसे शहरों में पब्लिक को कितनी सुविधाएं दी जाती हैं, वहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसा है।

करोल बाग के अजमल खां रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुरली मणि भी कंजेशन चार्ज लगाने के प्रस्ताव को सरासर गलत मानते हैं। उनके मुताबिक इस तरह का चार्ज लगने से तो करोल बाग का पूरा बिजनेस ही खत्म हो जाएगा , क्योंकि यहां तो सारे कस्टमर बाहर से ही आते हैं। यह चार्ज तो कस्टमर की एंट्री पर ही बैन लगा देगा। कोई 100 या 200 रुपये देकर शॉपिंग करने क्यों आएगा। उनका प्रस्ताव था कि कंजेशन चार्ज लगाने के बजाय एमसीडी को यहां एक बढि़या मल्टीलेवल पार्किंग बनानी चाहिए , भले ही उसका चार्ज थोड़ा ज्यादा ही क्यों न हो। उन्होंने बताया कि करोल बाग में 30 साल पहले मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था , लेकिन वह आज तक नहीं बनी।

पहाड़गंज प्लाइवुड एंड टिंबर डीलर्स असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विशु गुप्ता का कहना था कि हमें तो आज तक यह पता नहीं चल पाया कि एमसीडी में इस तरह के फैसले आखिर करता कौन है। मेयर , कमिश्नर , पार्षद , दिल्ली सरकार , उपराज्यपाल , स्टैंडिंग कमिटी , कौन ऐसे फैसले करता है। इस तरह के व्यापार और जन विरोधी फैसले का विरोध होना ही चाहिए। एमसीडी यूएस , यूके या सिंगापुर की तर्ज पर कंजेशन चार्ज लगाने का प्रस्ताव तो ले आई , लेकिन उसे यह भी देखना चाहिए कि वहां का लोकल एडमिनिस्ट्रेशन जब जनता से कोई टैक्स वसूलता है , तो उसके बदले में वह जनता को कितनी सुविधाएं भी मुहैया करवाता है ।

 
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