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गुड न्यूज: रिन्यूबल एनर्जी उत्पादन में यूरोपियन यूनियन को पीछे छोड़ने को तैयार भारत
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि साल 2022 तक भारत की रिन्यूबल एनर्जी क्षमता दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ ही भारत इस क्षेत्र में पहली बार यूरोपियन यूनियन (ईयू) को भी पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में भारत सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो भारत ने रिन्यूबल एनर्जी की क्षमता 58.30 गीगावॉट है और साल 2022 तक यह यह क्षमता बढ़कर 175 गीगावॉट तक हो जाएगी जिसमें से 100 गीगावॉट सोलर और 60 गीगावॉट विंड एनर्जी होगी।
चीन आज भी नंबर वन
आईइए ने हाल ही में बाजार पर एक सर्वे किया था और उसके बाद उसने यह रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में लिखा है, 'साल 2022 तक भारत की रिन्यूबल एनर्जी दोगुनी से भी ज्यादा होगी। इस वृद्धि के साथ भारत रिन्यूबल एनर्जी में यूरोपियन यूनियन को मामले में पीछे छोड़ देगा।' आईइए ने कहा है कि सौर और वायु दोनों मिलकर भारत की रिन्यूबल एनर्जी की 90 प्रतिशत क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके साथ ही सस्ती ऊर्जा का विकल्प भी मुहैया कराते हैं। इससे पहले इस वर्ष में सोलर और वायु दोनों ऊर्जा की दर प्रति यूनिट 2.44 और 3.46 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई थी। हालांकि रिपोर्ट में चीन को आज भी रिन्यूबल एनर्जी के सेक्टर में लीडर करार दिया गया है।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि साल 2022 तक भारत की रिन्यूबल एनर्जी क्षमता दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ ही भारत इस क्षेत्र में पहली बार यूरोपियन यूनियन (ईयू) को भी पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में भारत सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो भारत ने रिन्यूबल एनर्जी की क्षमता 58.30 गीगावॉट है और साल 2022 तक यह यह क्षमता बढ़कर 175 गीगावॉट तक हो जाएगी जिसमें से 100 गीगावॉट सोलर और 60 गीगावॉट विंड एनर्जी होगी।
चीन आज भी नंबर वन
आईइए ने हाल ही में बाजार पर एक सर्वे किया था और उसके बाद उसने यह रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में लिखा है, 'साल 2022 तक भारत की रिन्यूबल एनर्जी दोगुनी से भी ज्यादा होगी। इस वृद्धि के साथ भारत रिन्यूबल एनर्जी में यूरोपियन यूनियन को मामले में पीछे छोड़ देगा।' आईइए ने कहा है कि सौर और वायु दोनों मिलकर भारत की रिन्यूबल एनर्जी की 90 प्रतिशत क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके साथ ही सस्ती ऊर्जा का विकल्प भी मुहैया कराते हैं। इससे पहले इस वर्ष में सोलर और वायु दोनों ऊर्जा की दर प्रति यूनिट 2.44 और 3.46 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई थी। हालांकि रिपोर्ट में चीन को आज भी रिन्यूबल एनर्जी के सेक्टर में लीडर करार दिया गया है।