बारात जाने के बाद

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बारात की मौज-मस्ती,
हर कोई रखता याद ,
आओ बताउँ तुम्हे की,
क्या होता, बारात जाने के बाद!

सूना मंडप,सूना पंडाल,
हर तरफ सूना हो जाता है,
फूल माला तहश नहश है,
कुर्शीयो पे कोई सोता है!

लड़की की माँ गमगीन है,
फूट फूट कर रोती है,
बारात के जाने के बाद,
माँ की ऐसी हालत ही होती है!

बाप का दिल भारी है,
पर एक चिंता सताती है,
लोगो का हिसाब करने मे,
सुबह से शाम हो जाती है!

"केटर्र" का मूड खराब है,
खोए बर्तन गिनवाता है ,
जितने मे बात हुई थी,
उससे ज़यादा पैसे बताता है !

खाने की प्लेटो को लेकर,
असमंजश बना ही रहता है,
आप जितनी भी प्लेट गिनवालो,
वो उससे ज़यादा ही कहता है!

फोटो वाले से झिग झिग होती,
जब अपना मुह वो खोलता है,
बेफ़िजूल की फोटो खिचता,
रोल-पे रोल जोड़ता है!

सारे 'वालो' को पैसे देने मे,
बाप का पसीना छूटता है,
एक " वाले से फ़ुर्सत पता,
तो दूसरा प्रकट हो जाता है!

खाना-मीठाई बहुत बच जाती,
तब इनको ठिकाने लगाते है,
आस पड़ोस मे बाँट कर,
एक रश्म निभाते है!

फिर शुरू होती काना- फूसी,
लोग अपनी राय सुनाते है,
कोई आवभगत पे रोष जताता ,
कुछ लोग इंतज़ाम पे नाराज़गी जताते है!

शादी मे ये सब है चलता,
नही इसे कोई याद रखता है,
मैने तो बस यू ही बतलाया की,
बारात जाने के बाद,
क्या-क्या होता है!

डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
 
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