बूंदों से जरा बचके

'MANISH'

yaara naal bahara
क्या मॉनसून आने से आपको भी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो रही हैं। अगर हां, तो टेंशन की बात नहीं। मॉनसून में होने वाले दर्द पर रिपोर्ट-

मिसेज भसीन के पैरों में इतना दर्द होता है कि वे बेड से उठ नहीं पाती हैं। मिस्टर गुलाटी का ऑपरेशन कुछ महीने पहले ही हुआ था, अभी तक तो वे ठीक थे लेकिन मॉनसून आते ही उनके टांकों में दर्द शुरू हो गया, अब वे सुबह-शाम घूमने नहीं जा पाते। चांदनी को दो साल पहले कुत्ते ने काटा था, आसमान में घने बादल छाए, तो उसका पैर सूज गया।

बारिश बनती दर्द

आठ महीने पहले नैनसी का ऑपरेशन हुआ था। अभी तक नैनसी को किसी भी मौसम में कोई प्रॉब्लम नहीं हुई लेकिन मॉनसून आते ही नैनसी को दर्द होना शुरू हो गया। दर्द के साथ-साथ सूजन भी आ गई। अपने दर्द के बारे में बताते हुए नैनसी कहती हैं कि ‘जब पहली बारिश हुई थी उस टाइम मुझे बारिश से पहले दर्द होना शुरू हो गया था। अब यह दर्द इतना ज्यादा होता है कि मैं रो पड़ती हूं।

डॉक्टर से बात की तो वे कहते हैं कि इस मौसम में ऐसा होता है। कुछ ऐसा ही हाल चांदनी का भी है, चांदनी को दो साल पहले कुत्ते ने काटा था। उसके बाद से तो बारिश होने से पहले ही चांदनी की आंखों की बारिश शुरू हो जाती है। चांदनी बताती हैं कि सबसे ज्यादा प्रॉब्लम तब होती है जब सूजन आती है। सूजन की वजह से खुजली भी बहुत होती है।

उफ ये जोड़..

मॉनसून आते ही जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है। अपने वजन से परेशान ज्ञानांकुर गुलाटी कहती हैं कि ये बारिश और बुढ़ापा मार डालेगा। वे बताती हैं कि एक बार वे सीढ़ियों से गिर गई थीं, तभी से मॉनसून आते ही उनके घुटने में बहुत दर्द होता है।

वे कहती हैं कि घुटनों के अलावा शरीर के दूसरे जोडों में भी दर्द होने लगता है। दर्द की वजह से मुझे उठने-बैठने में बहुत प्रॉब्लम होती है। हर दिन सोचती हूं कि सुबह एक्सरसाइज करूंगी लेकिन दर्द इतना ज्यादा होता है कि न तो मैं एक्सरसाइज कर पाती हूं और न ही बेड से उठ पाती हूं। मुझे बेड से उठने में आधा घंटा लग जाता है।

बच्चे हैं कोमल

प्रेग्नेंसी अगर मॉनसून में हो, तो मां और बच्चे दोनों को तकलीफ ज्यादा होती है। मां के घाव भरने में टाइम ज्यादा लगता है और बच्चे को ठंड लगने से बीमारी होने का डर रहता है। हाल ही में बेटे को जन्म देने वाली ज्योति बताती हैं, मॉनसून में कपड़े नहीं सूखते और गीले-ठंडे कपड़े बेबी को पहना नहीं सकते।

जब भी कपड़े पहनाना होते हैं तो मेरी मम्मी पहले उसे प्रेस से सुखाती हैं। मैं भी गीले-ठंडे कपड़े नहीं पहन सकती इससे मुझे फीवर का डर रहता है। अगर मुझे फीवर हो गया तो बेबी को दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं।

बीमारियों का राजा पानी

रेग्युलर वॉटर प्यूरीफायर का यूज करें।
अगर प्यूरीफायर नहीं है तो पानी को उबाल कर ठंडा करके पी सकते हैं।
पेट की बीमारियां, डायरिया, फ्लू, वायरल, अस्थमा और स्किन इंफेक्शन पानी की वजह से ही होते हैं।
भरे हुए पानी से मच्छर होते है और मलेरिया, डेंगू होने के चांस बड़ जाते हैं। इन सबसे बचने के लिए बाहर का पानी न पिए।
बाहर का खाना बिल्कुल मत खाए।
फ्रिज में फ्रूट और सब्जियां काट कर न रखें।
स्किन रिलेटिड बीमारियों से बचने के लिए कॉटन के कपड़े पहनें।
अगर आप टायफाइड का इंजेक्शन लगवाते हैं तो इसे मॉनसून से पहले लगवा लें। ये इंजेक्शन तीन साल में एक बार लगवाया जाता है।

ध्यान रखें

गर्म पानी और साबुन से हाथ धोएं।
जमीन को गीला न छोड़ें।
साफ तौलिए का यूज करें। गीला तौलिया यूज न करें।
कपड़ों को सुखाकर ही पहनें।
टॉयलेट पेपर का यूज करें।
नहाने वाले बाल्टी मग को सुखाकर ही दोबारा यूज करें।
टूथ ब्रश को गर्म पानी से धोकर ही ब्रश करें।
बाथरूम यूज करने के बाद वाइपर से सरफेस को सुखाएं।
सब्जी काटने के बाद नाइफ को धोकर ही रखें।
मक्खियों से खाने को बचाए।

हां, मॉनसून में टांकों में दर्द हो जाता है। कई बार पेशंट इस दर्द को बर्दास्त भी नहीं कर पाते। यह दर्द स्किन में खिचाव की वजह से होता है। ऐसे में पेशंट को गीला हाने से बचना चाहिए। नहाने के बाद तुरंत सर्जरी वाली जगह और घाव को ड्राई करना चाहिए। अगर टांको में पस आने लगती है तो उसकी वजह हाइजीन की कमी है, तो मॉनसून में हाइजीन का खास ख्याल रखें।

डॉ टीएस महंत, सर्जन

मॉनसून में डिलिवरी होने के बाद मां और बच्चे दोनों को ज्यादा संभलकर रहना चाहिए। गीला होना दोनों के लिए बहुत हार्मफुल है। ज्यादा से ज्यादा फ्रूट खाएं और जूस पिए। हाई टेम्प्रेचर एसी का यूज न करें। डिलेवरी सिजेरियन हो या नॉर्मल मां को दूध सुबह शाम पीना चाहिए। बच्चे को कीड़े से बचाने के लिए मच्छरदानी और कम लाइट का यूज करें।कई बार हमारे पास ऐसे केस आते है जिसमें मां और बच्चे को लापरवाही की वजह से बड़ी बीमारियां हो जाती हैं। इसलिए मॉनसून में अपना खास ख्याल रखें।

डॉ वर्षा, गायनेकॉलजिस्ट

मॉनसून शुरू होते ही डायरिया, मलेरिया, डेंगू और वायरल के पेशंट की संख्या बड़ जाती है। ज्यादातर लोगों को पानी और मच्छरों की वजह से बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे मौसम में बीमारियों से बचने के लिए साफ पानी पिए। हरी सब्जियों को गर्म पानी से बार-बार धोकर ही खाएं।

डॉ बेला शर्मा
 
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