अजनबी शहर से दूर कही एक शहर मेरा अपना भी है

Vishal.Sharma

Dard Bhara Dil
अजनबी शहर से दूर कही एक शहर मेरा अपना भी है
कही आज भी सजता है हर सपना जहा मेरा याद बनकर
कही ऐसा एक घर मेरा अपना भी है..........
सर्दी की ठंडक मैं हर साल वहा फूलो का मोसम जेसे आता है
बारिश की रिमझिम मैं जेसे कही हर कोई अपना सा हो जाता है
हर पल एक याद सी रहती है
कही खुश रहे वो शहर बिन मेरे हर पल ये फरियाद सी रहती है
 
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