*Amrinder Hundal*
Hundal Hunterz
एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति नाव में सवार हुआ।
वह घमंड से भरकर नाविक
से पूछने लगा,
‘‘क्या तुमने व्याकरण पढ़ा है, नाविक?’’
नाविक बोला, ‘‘नहीं।’’
व्यक्ति ने कहा, ‘‘अफसोस है कि तुमने अपनी आधी उम्र
यों ही गँवा दी!’’
थोड़ी देर में उसने फिर नाविक से पूछा,
“तुमने इतिहास वभूगोल पढ़ा?”
नाविक ने फिर सिर हिलाते हुए ‘नहीं’
कहा।
व्यक्ति ने कहा, “फिर
तो तुम्हारा पूरा जीवन ही बेकार गया।“
मांझी को बड़ा क्रोध आया। लेकिन उस
समय वह कुछ नहीं बोला। दैवयोग से
वायु के प्रचंड झोंकों ने नाव को भंवर में
डाल दिया।
नाविक ने ऊंचे स्वर में उस व्यक्ति से
पूछा, ‘‘महाराज,
आपको तैरना भी आता है कि नहीं?’’
सवारी ने कहा, ‘‘नहीं, मुझे
तैरना नही आता।’’
“फिर तो आपको अपने इतिहास, भूगोल
को सहायता के लिए
बुलाना होगा वरना आपकी सारी उम्र
बरबाद होने वाली है क्योंकि नाव अब
भंवर मेंडूबने वाली है।’’ यह कहकर
नाविक नदी में कूद तैरता हुआ किनारे
की ओर बढ़ गया।
मनुष्य को किसी एक विद्या या कला में
दक्ष हो जाने परगर्व नहीं करना चाहिए।
वह घमंड से भरकर नाविक
से पूछने लगा,
‘‘क्या तुमने व्याकरण पढ़ा है, नाविक?’’
नाविक बोला, ‘‘नहीं।’’
व्यक्ति ने कहा, ‘‘अफसोस है कि तुमने अपनी आधी उम्र
यों ही गँवा दी!’’
थोड़ी देर में उसने फिर नाविक से पूछा,
“तुमने इतिहास वभूगोल पढ़ा?”
नाविक ने फिर सिर हिलाते हुए ‘नहीं’
कहा।
व्यक्ति ने कहा, “फिर
तो तुम्हारा पूरा जीवन ही बेकार गया।“
मांझी को बड़ा क्रोध आया। लेकिन उस
समय वह कुछ नहीं बोला। दैवयोग से
वायु के प्रचंड झोंकों ने नाव को भंवर में
डाल दिया।
नाविक ने ऊंचे स्वर में उस व्यक्ति से
पूछा, ‘‘महाराज,
आपको तैरना भी आता है कि नहीं?’’
सवारी ने कहा, ‘‘नहीं, मुझे
तैरना नही आता।’’
“फिर तो आपको अपने इतिहास, भूगोल
को सहायता के लिए
बुलाना होगा वरना आपकी सारी उम्र
बरबाद होने वाली है क्योंकि नाव अब
भंवर मेंडूबने वाली है।’’ यह कहकर
नाविक नदी में कूद तैरता हुआ किनारे
की ओर बढ़ गया।
मनुष्य को किसी एक विद्या या कला में
दक्ष हो जाने परगर्व नहीं करना चाहिए।