Bhangarh , Rajsthan .. One f d hauted place f India

♪ LaLLi ♪

Pêñdû™
Menu mere cousin bro ne apni real story dasi main believe ni kita thn main us de force karne te google search kita thn menu pata laga bhangarh one f d hauted place aa India,,
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भानगड़ किला सत्रहवीं शताब्*दी में बनवाया गया था। इस किले का निर्माण मान सिंह के छोटे भाई राजा माधो सिंह ने करावाया था। राजा माधो सिंह उस समय अकबर के सेना में जनरल के पद पर तैनात थे। उस समय भानगड़ की जनसंख्*या तकरीबन 10,000 थी। भानगढ़ अल्*वार जिले में स्थित एक शानदार किला है जो कि बहुत ही विशाल आकार में तैयार किया गया है। चारो तरफ से पहाड़ों से घिरे इस किले में बेहतरीन शिल्*पकलाओ का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा इस किले में भगवान शिव, हनुमान आदी के बेहतरीन और अति प्राचिन मंदिर विध्*यमान है। इस किले में कुल पांच द्वार हैं और साथ साथ एक मुख्*य दीवार है। इस किले में दृण और मजबूत पत्*थरों का प्रयोग किया गया है जो अति प्राचिन काल से अपने यथा स्थिती में पड़े हुये है।


उस समय उनकी उम्र महज 18 वर्ष ही थी और उनका यौवन उनके रूप में और निखार ला चुका था। उस समय कई राज्*यो से उनके लिए विवाह के प्रस्*ताव आ रहे थे। उसी दौरान वो एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार में निकती थीं। राजकुमारी रत्*नावती एक इत्र की दुकान पर पहुंची और वो इत्रों को हाथों में लेकर उसकी खुशबू ले रही थी। उसी समय उस दुकान से कुछ ही दूरी एक सिंघीया नाम व्*यक्ति खड़ा होकर उन्*हे बहुत ही गौर से देख रहा था। सिंघीया उसी राज्*य में रहता था और वो काले जादू का महारथी था। ऐसा बताया जाता है कि वो राजकुमारी के रूप का दिवाना था और उनसे प्रगाण प्रेम करता था। वो किसी भी तरह राजकुमारी को हासिल करना चाहता था। इसलिए उसने उस दुकान के पास आकर एक इत्र के बोतल जिसे रानी पसंद कर रही थी उसने उस बोतल पर काला जादू कर दिया जो राजकुमारी के वशीकरण के लिए किया था।

राजकुमारी रत्*नावती ने उस इत्र के बोतल को उठाया, लेकिन उसे वही पास के एक पत्*थर पर पटक दिया। पत्*थर पर पटकते ही वो बोतल टूट गया और सारा इत्र उस पत्*थर पर बिखर गया। इसके बाद से ही वो पत्*थर फिसलते हुए उस तांत्रिक सिंघीया के पीछे चल पड़ा और तांत्रिक को कुलद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। मरने से पहले तांत्रिक ने शाप दिया कि इस किले में रहने वालें सभी लोग जल्*द ही मर जायेंगे और वो दोबारा जन्*म नहीं ले सकेंगे और ताउम्र उनकी आत्*माएं इस किले में भटकती रहेंगी। उस तांत्रिक के मौत के कुछ दिनों के बाद ही भानगडं और अजबगढ़ के बीच युद्व हुआ जिसमें किले में रहने वाले सारे लोग मारे गये। यहां तक की राजकुमारी रत्*नावती भी उस शाप से नहीं बच सकी और उनकी भी मौत हो गयी। एक ही किले में एक साथ इतने बड़े कत्*लेआम के बाद वहां मौत की चींखें गूंज गयी और आज भी उस किले में उनकी रू*हें घुमती हैं।



फिलहाल इस किले की देख रेख भारत सरकार द्वारा की जाती है। किले के चारों तरफ आर्कियोंलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) की टीम मौजूद रहती हैं। एएसआई ने सख्*त हिदायत दे रखा है कि सूर्यास्*त के बाद इस इलाके किसी भी व्*यक्ति के रूकने के लिए मनाही है। इस किले में जो भी सूर्यास्*त के बाद गया वो कभी भी वापस नहीं आया है। कई बार लोगों को रूहों ने परेशान किया है और कुछ लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा



इस किले में कत्*लेआम किये गये लोगों की रूहें आज भी भटकती हैं। कई बार इस समस्*या से रूबरू हुआ गया है। एक बार भारतीय सरकार ने अर्धसैनिक बलों की एक टुकड़ी यहां लगायी थी ताकि इस बात की सच्*चाई को जाना जा सकें, लेकिन वो भी असफल रही कई सैनिकों ने रूहों के इस इलाके में होने की पुष्ठि की थी। इस किले में आज भी जब आप अकेलें होंगे तो तलवारों की टनकार और लोगों की चींख को महसूस कर सकतें है। इसके अलांवा इस किले भीतर कमरों में महिलाओं के रोने या फिर चुडि़यों के खनकने की भी आवाजें साफ सुनी जा सकती है। किले के पिछले हिस्*सें में जहां एक छोटा सा दरवाजा है उस दरवाजें के पास बहुत ही अंधेरा रहता है कई बार वहां किसी के बात करने या एक विशेष प्रकार के गंध को महसूस किया गया है। वहीं किले में शाम के वक्*त बहुत ही सन्*नाटा रहता है और अचानक ही किसी के चिखने की भयानक आवाज इस किलें में गुंज जाती है।
 
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