Arun Bhardwaj
-->> Rule-Breaker <<--
विदेशी महापुरुषों की दृष्टि में भारत एवं हिंदूतत्व का महत्व
1. अलबर्ट आइन्स्टीन
- हम भारत
के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें
गिनती सिखाई, जिसके
... बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक
खोज संभव नहीं हो पाती।
*******
2. रोमां रोलां(फ्रांस) - मानव ने
आदिकाल से जो सपने देखने शुरू
किये, उनके साकार होने का इस
धरती पर कोई स्थान है, तो वो है
भारत।
*******
3. हू शिह (अमेरिका में चीन
राजदूत)- सीमा पर एक भी सैनिक न
भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक
सांस्कृतिक धरातल पर चीन
को जीता और उसे प्रभावित
भी किया। ...
*******
4. मैक्स मुलर- यदि मुझसे कोई पूछे
की किस आकाश के तले मानव मन
अपने अनमोल उपहारों समेत
पूर्णतया विकसित हुआ है,
जहां जीवन की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और
समाधान भी प्रस्तुत किया गया,
जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ
जिन्होंने प्लेटो और कांट
का अध्ययन किया, तो मैं भारत
का नाम लूँगा।
*******
5. मार्क ट्वेन- मनुष्यके इतिहास में
जो भी मूल्यवान और सृजनशील
सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत
में है।
******
6. आर्थर शोपेन्हावर - विश्व भर में
ऐसा कोई अध्ययन नहींहै
जो उपनिषदों जितना उपकारी और
उद्दत हो। यही मेरे जीवन
को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु
में भी शांति देगा।
********
7. हेनरी डेविड थोरो -प्रातः काल
मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व
और ब्रह्माण्डव्याप ी गीता के
तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ,
जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक
विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जनपड़ता है।
********
8. राल्फ वाल्डो इमर्सन - मैं भगवत
गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह
पहला ग्रन्थ है जिसेपढ़कर मुझे
लगा की किसी विराट शक्ति से
हमारा संवाद हो रहा है।
*******
9. विल्हन वोन हम्बोल्ट-
गीता एक अत्यंत सुन्दर और
संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक
ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में
नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत
वस्तु है जैस पर सारी दुनिया गर्व करसकती है।
*******
10. एनी बेसेंट -विश्व के
विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष
अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे
पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व
जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक,
दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं। इसमें कोईभूल न करे
की बिना हिंदुत्व के भारत का कोई
भविष्य नहीं है। हिंदुत्व
ऐसी भूमि है जिसमे भारत की जड़े
गहरे तक पहुंची है, उन्हें
यदि उखाड़ा गया तो यह महावृक्ष निश्चय ही अपनी भूमि से उखड
जायेगा। हिन्दू ही यदि हिंदुत्व
की रक्षा नही करेंगे, तो कौन करेगा?
अगर भारत के सपूत हिंदुत्व में
विश्वास नहीं करेंगे तो कौन
उनकी रक्षा करेगा?
भारत ही भारत की रक्षा करेगा। भारत और हिंदुत्व
एक ही है
1. अलबर्ट आइन्स्टीन
- हम भारत
के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें
गिनती सिखाई, जिसके
... बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक
खोज संभव नहीं हो पाती।
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2. रोमां रोलां(फ्रांस) - मानव ने
आदिकाल से जो सपने देखने शुरू
किये, उनके साकार होने का इस
धरती पर कोई स्थान है, तो वो है
भारत।
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3. हू शिह (अमेरिका में चीन
राजदूत)- सीमा पर एक भी सैनिक न
भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक
सांस्कृतिक धरातल पर चीन
को जीता और उसे प्रभावित
भी किया। ...
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4. मैक्स मुलर- यदि मुझसे कोई पूछे
की किस आकाश के तले मानव मन
अपने अनमोल उपहारों समेत
पूर्णतया विकसित हुआ है,
जहां जीवन की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और
समाधान भी प्रस्तुत किया गया,
जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ
जिन्होंने प्लेटो और कांट
का अध्ययन किया, तो मैं भारत
का नाम लूँगा।
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5. मार्क ट्वेन- मनुष्यके इतिहास में
जो भी मूल्यवान और सृजनशील
सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत
में है।
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6. आर्थर शोपेन्हावर - विश्व भर में
ऐसा कोई अध्ययन नहींहै
जो उपनिषदों जितना उपकारी और
उद्दत हो। यही मेरे जीवन
को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु
में भी शांति देगा।
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7. हेनरी डेविड थोरो -प्रातः काल
मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व
और ब्रह्माण्डव्याप ी गीता के
तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ,
जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक
विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जनपड़ता है।
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8. राल्फ वाल्डो इमर्सन - मैं भगवत
गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह
पहला ग्रन्थ है जिसेपढ़कर मुझे
लगा की किसी विराट शक्ति से
हमारा संवाद हो रहा है।
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9. विल्हन वोन हम्बोल्ट-
गीता एक अत्यंत सुन्दर और
संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक
ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में
नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत
वस्तु है जैस पर सारी दुनिया गर्व करसकती है।
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10. एनी बेसेंट -विश्व के
विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष
अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे
पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व
जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक,
दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं। इसमें कोईभूल न करे
की बिना हिंदुत्व के भारत का कोई
भविष्य नहीं है। हिंदुत्व
ऐसी भूमि है जिसमे भारत की जड़े
गहरे तक पहुंची है, उन्हें
यदि उखाड़ा गया तो यह महावृक्ष निश्चय ही अपनी भूमि से उखड
जायेगा। हिन्दू ही यदि हिंदुत्व
की रक्षा नही करेंगे, तो कौन करेगा?
अगर भारत के सपूत हिंदुत्व में
विश्वास नहीं करेंगे तो कौन
उनकी रक्षा करेगा?
भारत ही भारत की रक्षा करेगा। भारत और हिंदुत्व
एक ही है