बिजनेस भास्*कर के बचे पत्रकार अपनी नौकरी क&#23

Arun Bhardwaj

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भास्कर पत्र समूह के आर्थिक अखबार बिजनेस भास्कर में मची भगदड़ को लेकर वहां काम कर रहे पत्रकार गहरी चिंता में डूब गए हैं। तमाम मीडिया न्यूज साइट पर आई खबरों और दफ्तर के अंदर हो रही कानाफूसी से इस अखबार के जल्द बंद होने की आशंका से वे चिंतित हैं। न मालिक और न ही संपादक एसके सिंह अपने पत्रकारों और पेज डिजाइनरों को यह समझा रहे हैं कि घबराए नहीं।
दरअसल यतीश रजावत के हटने के बाद एसके सिंह अपने परिचित पत्रकारों को नौकरी देने की फिराक में रहे। मगर मालिकों के खासमखास डायरेक्टर डा. अग्रवाल ने इसकी इजाजत नहीं दी। तो उन्*होंने रछित सिंह, राय तपन और लोकेश को परेशान करना शुरू कर दिया ताकि इनके जाने के बाद उनके परिचित पत्रकार आ सकें। दो लोग छोड़ गए, लोकेश अभी डंटे हुए हैं। रतन शेखावत हर अखबार में अपनी नौकरी की तलाश कर रहे हैं।

यहां अप्रैल में मिलने वाली वेतन बढोतरी अब तक नहीं दी गई है। सांत्वना दी जा रही है कि अगस्त नहीं तो सितंबर से वेतन बढ़ जाएगा। कुछ लोग कहते हैं कि रजावत के हटने पर एसके सिंह को राजीव सिन्हा और मंडल नाम के दो पत्रकार गुमराह कर रहे हैं। श्री सिंह ने संपादक पद की कुर्सी पाने के लिए अपने सीनियर और एक्सपर्ट हरवीर सिंह को आर्थिक संपादक पद से हटवा दिया। अभी वे अमर उजाला में हैं। फिलहाल बिजनेस भास्कर में इस बात की खुफियागिरी हो रही है कि राय तपन, रछित के बाद अब कौन पत्रकार इस्तीफा देगा। इस्तीफा देने के पहले ही उनको निकाले जाने की योजना बनाई जा रही है। बिजनेस भास्कर के पांच साल पूरा होने पर अब तक कोई समारोह भी नहीं हो सका है। इसी से लोग इस अखबार के बंद होने की आशंका जता रहे हैं। (कानाफूसी)
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
 
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