V i p किस के लीए ....................?

वी.आई .पी शब्द आज कल आम सुनाने में मिल जाता है क्योंकि नेता जो पेट्रोल में
लगी आग की तरह बड़ते जा रहे हैं वहीँ उनकी चमचे भी नेता जी के खास हो नेता ही कहलाते हैं नेता बनना अच्छी बात है लेकिन तब तक जब वह जनता और समाज के लीए कम करें और सामाजिक बुराइयों को ख़त्म करने में अपना सहयोग दें लेकिन ये सब तो अब सिर्फ बातों में ही अच्छा लगता है,जिस तरह नेताओं दुआरा जो काम अपनी जेब भरने के लीए किये जाते हैं वो किसी से छुपे नहीं चलो ये सब तो चलता रहता ही है अखिरु उन्हें चुना किसने है हम ने ही न पैसे भी तो उन्होंने ही लगाये थे,चलो भाई जो लोग आज भी अपनी जिमेदारी ठीक से निभाते हैं उनकी वजह से देश चल रहा है.बात में करना चाहता था उस शब्द की जिसे हर कोई सुनता भी है और उसका रोअब भी मानता है जी हाँ हम बात कर रहे हैं VIP शब्द की हम आम तोर पर ही सुनते हैं लेकिन जब ये VIP हम में से ही बन कर जाते हैं तो हम पर किस तरह का रोअब,ठीक है पुलिस एम्बुलेंस या फिर पर्शस्निक तोर पर तो मान सकते हैं की उनको कहीं जल्दी जाना हो तो वो उसका उपयोग करते हैं,बात है लाल लाइट,हूटर की जिस से सभी देख कर रास्ता भी छोड़ते हैं और धयान भी उस तरफ चला जाता है लेकिन जो नेतागण हम में से हमारी वोटों से चुन कर जाते हैं वो हम पर किस तरह का रोअब जमाते हैं और VIP बन जाते हैं जब कहीं जाते हैं तो सडक खली करवाई जाती है जहाँ खड़े हो जाते हैं तो वहां सुरक्षा के नाम पर जगह से लोगों को दूर कर दिया जाता है आखिर क्यूँ जब जनता उन्हें किसी बड़े आहुदे पर बिठाती है तो जनता के लीए काहे के VIP अगर इतना ही डर लगता होता है तो वे आगे क्यों आते हैं के वो अगर मुश्किलों का सामना नहीं कर सकते तो जनता समाज की सम्सयाएँ क्या हल करवा सकेंगे असल डर होता है तो वो है जब कला बाजारी इतनी जायदा कर देते हैं की उन्हें डर सताने लग जाता है आसपास से,दूसरा आज कल ऐसे नेता बहुत जायदा देखने को मिलते हैं जो के होते तो वो किसी न किसी के चमचे होते है जिसकी पर्शासन पर रोअब हो लेकिन उनके रोअब में वो भी VIP बन जाते हैं बहुत सी ऐसी गाड़ियाँ देखने को मिल जाएँगी जिनके पास किसी तरह की परमिशन नहीं लेकिन वो अपनी गाड़ी पर लाल लाइट भी लगते है और हूटर भी फिर चाहे उनकी गाड़ी की छत उसका भार झेल सके या ना,बात तो असल ये है की अगर किसी बड़ी पार्टी का जिला परधान हो,सकत्तर हो इसी तरह का अहुदा हो वो भी गाड़ी पर लाल लाइट लगा VIP बन जाता है अगर पूछें तो कहेंगे जनता के सेवक हैं,जो जनता के बीच अपना रोअब बनाते हैं उसे जनता की सेवा का नाम दे देते हैं .चलो भाई आखिर ये सब शायद अब समाज का हिसा बन चूका है इसे समाप्त करना किसी के बस में नहीं क्योंकि अदालतों के हुकम होने पर भी ये सब चल रहा है .तो हम क्या इसे समाप्त करेंगे .अच्छा भाई अगर कुच्छ बुरा लगा हो तो माफ़ करना क्योंकि हर किसी के विचार अलग हैं और यर जरुरी नहीं की सभी मेरे अपने विचार से सहमत हों.
 
Top