Exclusive Report about the reality of Snakes...

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क्या सचमुच होते हैं इच्छाधारी सांप?

मान्यता है कि कुछ सांप इच्छाधारी होते हैं यानी वे अपनी इच्छा के अनुसार, अपना रूप बदल लेते हैं और कभी-कभी ये मनुष्यों का रूप भी धारण कर लेते हैं। जीव विज्ञान के अनुसार, इच्छाधारी सांप सिर्फ मनुष्यों का अंधविश्वास और कोरी कल्पना है, इससे ज्यादा और कुछ नहीं। इस विषय पर अनेक फिल्में बनाई जा चुकी हैं, इसलिए इस मान्यता को बल मिलता रहा है। हालांकि, ये मान्यता पूरी तरह से गलत है।

क्या सांप अपने साथी की मौत का बदला लेते हैं?

हमारे समाज में ऐसी मान्यता है कि यदि कोई मनुष्य किसी सांप को मार दे तो मरे हुए सांप की आंखों में मारने वाली की तस्वीर उतर आती है, जिसे पहचान कर सांप का साथी उसका पीछा करता है और उसको काटकर वह अपने साथी की हत्या का बदला लेता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह मान्यता पूरी तरह से अंधविश्वास पर आधारित है, क्योंकि सांप अल्पबुद्धि वाले जीव हैं।

सांपों का मस्तिष्क इतना विकसित नहीं होता कि ये किसी घटनाक्रम को याद रख सकें और बदला लें। जीव विज्ञान के अनुसार, जब कोई सांप मरता है तो वह अपने गुदा द्वार से एक खास तरह की गंध छोड़ता है, जो उस प्रजाति के अन्य सांपों को आकर्षित करती है। इस गंध को सूंघकर अन्य सांप मरे हुए सांप के पास आते हैं, जिन्हें देखकर ये समझ लिया जाता है कि अन्य सांप मरे हुए सांप की हत्या का बदला लेने आए हैं।

क्या दूध पीते हैं सांप?

हिंदू धर्म में सांप को दूध पिलाने का प्रचलन है, जो कि पूरी तरह से गलत है। जीव विज्ञान के अनुसार, सांप पूरी तरह से मांसाहारी जीव है। ये मेंढक, चूहा, पक्षियों के अंडे व अन्य छोटे-छोटे जीवों को खाकर अपना पेट भरते हैं। दूध इनका प्राकृतिक आहार नहीं है। नागपंचमी पर कुछ लोग नाग को दूध पिलाने के नाम पर इन पर अत्याचार करते हैं, क्योंकि इसके पहले ये लोग सांपों को कुछ खाने-पीने को नहीं देते। भूखा-प्यासा सांप दूध को पी तो लेता है, लेकिन कई बार दूध सांप के फेफड़ों में घुस जाता है, जिससे उसे निमोनिया हो जाता है और इसके कारण सांप की मौत भी हो जाती है।

बीन की धुन पर क्यों नाचते हैं सांप?

खेल-तमाशा दिखाने वाले कुछ लोग सांप को अपनी बीन की धुन पर नचाने का दावा करते हैं, जबकि ये पूरी तरह से अंधविश्वास है क्योंकि सांप के तो कान ही नहीं होते। दरअसल ये मामला सांपों की देखने और सुनने की शक्तियों और क्षमताओं से जुड़ा है। सांप हवा में मौजूद ध्वनि तरंगों पर प्रतिक्रिया नहीं दर्शाते पर धरती की सतह से निकले कंपनों को वे अपने निचले जबड़े में मौजूद एक खास हड्डी के जरिए ग्रहण कर लेते हैं।

सांपों की नजर ऐसी है कि वह केवल हिलती-डुलती वस्तुओं को देखने में अधिक सक्षम हैं बजाए स्थिर वस्तुओं के। संपेरे की बीन को इधर-उधर लहराता देखकर नाग उस पर नजर रखता है और उसके अनुसार ही अपने शरीर को लहराता है और लोग समझते हैं कि सांप बीन की धुन पर नाच रहा है।

क्या सचमुच होते हैं दो मुंह वाले सांप?

कुछ लोग दो मुंह वाले सांप देखने का भी दावा करते हैं। जीव विज्ञान के अनुसार, किसी भी सांप के दोनों सिरों पर मुंह नहीं होते। हर सांप का एक ही मुंह होता है। कुछ सांपों की पूंछ नुकीली न होकर मोटी और ठूंठ जैसी दिखाई देती है। चालाक संपेरे ऐसे सांपों की पूंछ पर चमकीले पत्थर लगा देते हैं जो आंखों की तरह दिखाई देते हैं और देखने वाले को यह लगता है कि इस सांप को दोनों सिरों पर दो मुंह हैं।

क्या है उड़ने वाले सांपों की सच्चाई?

क्या उड़ने वाले सांप भी होते हैं? ऐसी बात भी हम कही न कहीं सुनते ही हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। जीव विज्ञान के अनुसार, उड़ने वाले सांप नहीं होते। सांप की कुछ विशेष प्रजातियां होती हैं, जो अधिकांश समय पेड़ों पर ही रहती हैं। इस प्रजाति के सांपों में एक नैसर्गिक गुण होता है कि ये उछलकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर पहुंच जाते हैं, लेकिन इन पेड़ों की दूरी बहुत कम होती है। जब ये सांप उछलकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाते हैं तो ऐसी लगता होता है कि जैसे ये उड़ रहे हों।

क्या सांपों की मूंछ भी होती है?

ऐसा भी कहा जाता है कि कुछ सांपों की मूंछे भी होती हैं ये तथ्य भी पूरी तरह से अंधविश्वास है। जीव विज्ञान के अनुसार, मूंछ वाले सांप होते ही नहीं हैं, ये किसी शातिर सपेरे के दिमाग की उपज होती है। सांप को कोई खास स्वरूप देने पर अच्छी कमाई हो सकती है। इसी लालच में सपेरे घोड़े की पूंछ के बाल को बड़ी ही सफाई से सांप के ऊपरी जबड़े में पिरोकर सिल देता है। इसके अलावा जब कोई सांप अपनी केंचुली उतारता है तो कभी-कभी केंचुली का कुछ हिस्सा उसके मुंह के आसपास चिपका रह जाता है। ऐसे में उस सांप को देखकर मूंछों का भ्रम हो सकता है। सच ये है कि सांप सरीसृप वर्ग के जीव हैं, इनके शरीर पर अपने जीवन की किसी भी अवस्था में बाल नहीं उगते।

किस प्रकार सम्मोहित कर लेते हैं सांप?

कुछ लोग मानते हैं कि सांप की आंखों में किसी को भी सम्मोहित करने की शक्ति होती है यानी सांप जिसकी भी आंखों में देख लेता है वह मनुष्य या अन्य कोई प्राणी उस सांप के आदेश का पालन करता है। यह भी अंधविश्वास और कोरी कल्पना के अलावा कुछ नहीं है।
 
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