Punjab News बादल सरकार: कीते वादे वथेरे, चढ़े न कोई नेपर&#

राज्य में बादल सरकार को सत्ता संभाले तीन साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान दूसरी पीढ़ी को सत्ता की बागडोर थमाने का संकेत देने के अलावा इस सरकार की कोई खास उपलब्धि दिखाई नहीं देती।

तीन साल तक सरकार बिजली के झटकों से निपटने का उपाय ही तलाशती रही है फिर भी हालत यह है कि सभी बिजली परियोजनाओं को आकार लेने और उसका लाभ मिलने में वर्षो लगेंगे। इसबीच आम लोगों पर बिजली की बढ़ी दरों का बोझ तो पड़ा ही है, लंबे कटों का भी सामना करना पड़ रहा है।


किसी भी राज्य के विकास में आधाभूत ढांचे की भूमिका अहम होती है। इसके साथ ही समाज के सबसे निचले तबके के कल्याण को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार ने आधारभूत क्षेत्र पर जो भी काम किया है उसका फायदा मिलने में सालों लगेंगे और सामाजिक क्षेत्र में बरती गई उदासीनता का खामियाजा आम आदमी भुगत रहा है।


बादल सरकार के मौजूदा कार्यकाल में गोइंदवाल (540 मेगावाट), तलवंडी साबो (1980 मेगावाट) और राजपुरा (1320 मेगावाट) में तीन नए थर्मल प्लांट पर काम शुरू हुआ है। 700 मेगावाट क्षमता के 29 मिनी बायो मास प्लांट भी मंजूर किए गए हैं। औद्योगिक फोकल प्वाइंट्स के मूलभूत ढांचे के विकास के लिए भी पूरे पंजाब में सीवरेज व सड़क निर्माण जारी है।


राजपुरा में 1200 एकड़ और कपूरथला 220 एकड़ के दो नए फोकल प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। गांवों की मंडियों को जोड़ने के लिए पिछले तीन साल में मंडी बोर्ड ने 2501 किलोमीटर नई सड़कें और 9107 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का दावा किया है। बढ़िया कनैक्विटी के लिए हाईवे का विकास, रेल ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। बढ़िया मंडीकरण के वादे के तहत लुधियाना में एक आधुनिक मंडी और 500 खरीद केंद्र विकसित किए गए हैं।


यहां रहे नाकाम


किसानों को फसल की बढ़िया कीमत, कर्ज निपटारा, फसल बीमा, खेती आधारित इंडस्ट्री, निर्यात की संभावना खोजने और प्रशिक्षण केंद्र का वादा अधूरा ही है। चुनाव से पहले वृद्ध, विधवा और विकलांगता पैंशन 200 रुपए से 400 रुपए प्रति माह और भुगतान समय पर करने का वादा किया था।


आज भी लाभार्थी वादा पूरा होने की बाट जोह रहे हैं। शगुन स्कीम के हजारों मामले लंबित हैं। बेघरों को पांच-पांच मरले का प्लाट, घर बनाने के लिए अनुदान का वादा तीन साल में पूरा नहीं हुआ। तेरह हजार शिक्षकों की भर्ती कर शिक्षा सुधार के प्रयास का असर भी नहीं दिख रहा है। हर ब्लाक में पांच करोड़ रुपए की लागत से आदर्श स्कूल खोलने का वादा किया था, लेकिन तीन साल में एक भी नहीं बन सका है।


पीछे हटी सरकार


तीन साल में सरकार अपने लोक लुभावन वादों से पीछे हटी है। किसानों से मुफ्त बिजली की सुविधा वापस लेकर प्रति हार्स पावर 50 रुपए के हिसाब से बिल लगाए जा रहे हैं। दलित वर्ग को 200 यूनिट्स मुफ्त बिजली कम कर 100 यूनिट्स प्रति माह कर दी गई है। चुंगी खत्म करने का वादा निभाया तो वैट पर सरचार्ज लगा दिया। घोषणा पत्र में सरकारी विभागों में खाली पड़े डेढ़ लाख पदों पर तुरंत भर्ती करने की बात की गई थी, लेकिन बेरोजगारी दूर करने के मोर्चे पर भी सरकार नाकाम ही नजर आती है।
 
Re: बादल सरकार: कीते वादे वथेरे, चढ़े न कोई नेप&#235

^^ 22 request a Punjab di news ho sakey tah Punjabi yan english ch pa dea karo..

hindi parni aukhi a merey wargea lai...lol
 

snoopy_amli

___I. A. F.___
Re: बादल सरकार: कीते वादे वथेरे, चढ़े न कोई नेप&#235

Bijli da sanakat baut aa Punjab ch
 

Pardeep

๑۩۩๑┼●ℛŐŶ
Re: बादल सरकार: कीते वादे वथेरे, चढ़े न कोई नेप&#235

^^ thanu kidan pata
 
Re: बादल सरकार: कीते वादे वथेरे, चढ़े न कोई नेपë

^^ 22 request a Punjab di news ho sakey tah Punjabi yan english ch pa dea karo..

hindi parni aukhi a merey wargea lai...lol

kosis karo.aajugi........ :y......sikh lo j nahi aundi changi pra....
 
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