बेंगलुरू में सात मंजिला इमारत में आग, नौ की &#

शहर के सात मंजिला कार्लटन टॉवर्स में मंगलवार को लगी आग में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।

बेंगलुरू के डोमलुर इलाके के व्यस्ततम ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर स्थित इस इमारत में अनेक दफ्तर और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं। इसके सातवें माले पर स्थित एक दफ्तर में शाम करीब 4:30 बजे आग लग गई। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई। इनमें से कुछ लोग इमारत से कूदने के कारण मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कई लोग धुएं के कारण बेहोश हो गए और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया।

चीफ फायर ऑफिसर एनयू एरप्पा ने बताया कि आग बुझाने में दमकल की 15 गाड़ियों के अलावा दो बचाव वाहन लगाए गए। मणिपाल अस्पताल के सीओओ नागेंद्र स्वामी के अनुसार, उनके यहां करीब 60 घायल लाए गए हैं।
 
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दमकल की सलाह पर टॉप फ्लोर्स से कूदे, मारे गए

यहां के मल्टी स्टोरी कार्लटन
टावर में मंगलवार शाम भयानक आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई। इनमें से तीन की जान तो आठ मंजिला इमारत के टॉप फ्लोर से कूदने के कारण हो गई। कुछ ने कूद कर मरने की तादाद पांच बताई है। बाकी की जान जलने और दम घुटने से गई। मरने वालों में तीन महिलाएं भी हैं।

इस हादसे में 70 से ज्यादा घायल हुए हैं , जिन्हें पास के मनीपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 22 की हालत गंभीर है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है।

डोमलुर इलाके के ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित इस आठ मंजिला इमारत में कई कारोबारी प्रतिष्ठानों के दफ्तर और रेस्तरां हैं। आग का सबसे ज्यादा असर छठी और सातवीं मंजिल पर हुआ। इस आग ने फायर ब्रिगेड के चाकचौबंद होने पर भी सवाल उठाए हैं। कहा जाता है कि इनके पास सिर्फ एक सीढ़ी थी जो पांचवीं मंजिल तक जा सकती थी। इतना ही नहीं , दमकलकर्मियों ने ही लोगों को कपड़े लटकाकर कूदने की सलाह दी , जो तरीका नाकाम रहा। आग पर काबू पाने में भी दो घंटे से ज्यादा लगे , जबकि इमारत पूरी तरह खाली हो चुकी थी।


दमकल के सीनियर अफसर के मुताबिक , लिफ्ट के सर्विस केबल में सेकंड फ्लोर में शॉर्टसर्किट के कारण यह आग लगी और लिफ्ट के रास्ते से धुआं पूरी इमारत में फैल गया। लोग आग के मुकाबले धुएं से ज्यादा डर गए और अपने ऑफिसों की खिड़कियों के ग्लास तोड़कर नीचे कूद गए। एक महिला ने तो अपनी साड़ी को ही रस्सी बनाकर नीचे उतरने की कोशिश की , जबकि दूसरी ने छठी मंजिल से छलांग लगा दी। एक तरह की अफरातफरी मच गई। हर ओर से बचाव की चीखपुकार मची थी। लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हुई। फायर ब्रिगेड की 16 गाड़ियों को आग पर काबू पाने में दो घंटे से ज्यादा लग गए। 100 दमकल कर्मियों ने करीब 150 लोगों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाला।

पीक आवर में आग लगने से सड़क पर दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इमारत के बाहर भी बड़ी तादाद में भीड़ जुट गई। एसीपी एम . आर . पूजर के मुताबिक , इमारत के मालिक पर केस दर्ज कर लिया गया है और इस बात की जांच की जा रही है कि सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया गया या नहीं। कर्नाटक के गृह मंत्री वी . एस . आचार्य ने आग को दर्दनाक हादसा बताते हुए कहा कि फायर नॉर्म्स के मद्देनजर सुरक्षा पहलू की जांच कराई जाएगी।
 
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