हिंदुओं में अब तलाक लेना होगा आसान

अब हिंदुओं में तलाक लेने की प्रक्रिया और सरल हो जाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसके लिए संबंधित कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।

इससे ऐसे वैवाहिक रिश्ते जिनमें सुलह की संभावना नहीं है, उन्हें संबंधों में विच्छेद का आधार मानते हुए जल्दी तलाक मिल सकेगा। इसके अलावा परस्पर सहमति वाले मामलों में भी कार्यवाही में तेजी आएगी। कानून मंत्रालय ने इसके लिए हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और विशेष विवाह अधिनियम 1954 में संशोधन का प्रस्ताव रखा था।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रताड़ना के कारण तलाक की अर्जी देने वाले पक्ष के संरक्षण के लिए यह प्रावधान किया गया है। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-बी और विशेष विवाह अधिनियम की धारा 28 में तलाक के लिए आपसी सहमति को आधार माना गया है। कोर्ट इस आधार को लेकर संतुष्ट होने पर तलाक मंजूर कर सकता है। लेकिन देखा गया है कि एक पक्ष जानबूझकर मामले को खींचने के लिए अदालत में नहीं आता जिससे तलाक की अर्जी लगाने वाले पक्ष को बेवजह परेशानी होती है। इसे देखते हुए विवाह अधिनियम संशोधन विधेयक 2010 लाया जा रहा है।
 
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Unregistered

Guest
Mera husband mujhe divorce nahi Dena chahta aur meh apne husband se jald se jald talaak chahti Hua jisme mujhe 1 saal ka waqt na lage.
 
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