सेहत के लिहाज से भी फिट है दादा का बजट

सबके अच्छे स्वास्थ्य के लक्ष्य के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन पर जोर देते हुए क
ेंद्रीय सरकार के बजट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए पिछले साल के मुकाबले 2,766 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पिछली बार बजट में 19,534 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बढ़ाकर इस बार 22,300 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें से 13,910 करोड़ रुपये सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए हैं। सबको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू किए गए केंद्र सरकार के इस कार्यक्रम में 11वीं योजना के दौरान 90,558 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

बजट में प्रणब मुखर्जी ने देश में जिलेवार किए जाने वाले स्वास्थ्य सर्वेक्षण का भी उल्लेख किया है। यह सर्वेक्षण देश में स्वास्थ्य विवरण बनाने में सहायक होगा। इससे हेल्थ से जुड़ी योजनाएं तैयार करने में मदद मिल सकेगी और देश में स्वास्थ्य की तस्वीर दिखाई दे सकेगी।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम पर खर्च की जाने वाली राशि में भी इजाफा किया गया है। इस मद में पिछले साल की बजट की संशोधित राशि 888.15 करोड़ रुपये को बढ़ाकर 1291.25 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की राशि 50 करोड़ रुपये को दोगुना कर 103 करोड़ रुपये कर दिया गया है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की राशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

पिछले साल इस कार्यक्रम के लिए 24 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, जबकि इस बार इसे बढ़ाकर 39 करोड़ रुपये किया गया है। मेडिकल इक्विपमेंट, इंस्ट्रुमेंट और अन्य सामान पर ड्यूटी को सिंपल बनाकर स्पेशल अडिशनल ड्यूटी से छूट दे दी गई है और बेसिक ड्यूटी पांच प्रतिशत कर दी गई है। इस प्रकार इक्विपमेंट के निर्माण के लिए जरूरी पुर्जों पर ड्यूटी को पांच प्रतिशत किया गया है। सरकारी अस्पतालों और किसी कानून के तहत स्थापित अस्पतालों के लिए जो छूट पहले से दी हुई हैं, उसे बरकरार रखा गया है। एम्स के लिए दो करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष में एम्स के लिए 11 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे इस साल बढ़ाकर 13 करोड़ रुपये किया गया है।

आयुर्वेद और अन्य भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुष के लिए बजट में आवंटित राशि में पिछले साल के मुकाबले बहुत मामूली वृद्धि की गई है। पिछले साल के बजट अनुमानों में आयुष के लिए 922 करोड़ रुपये रखे गए थे, जो संशोधन के बाद 863 करोड़ रुपये हो गए थे। लेकिन इस बार यह राशि 964 करोड़ रुपये रखी गई है। इसमें से योजना मद में 800 करोड़ रुपये और गैर योजना मद में 164 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

आयुष में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए पिछली बार की 176 करोड़ रुपये की राशि भी बढ़ा दी गई है। वर्तमान वित्त वर्ष में यह राशि बढ़ा कर 208 करोड़ पचास लाख रुपये कर दी गई है।
 
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