मुजफ्फनगर में दंगाइयों को देखते ही गोली म&#236

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Pêñdû™
लखनऊ। दंगे की चपेट में आए मुजफ्फरनगर में आज हालात और भी बिगड़ गए। क*र्फ्यू के बीच रविवार सुबह सेना ने पूरी तरह से मोर्चा संभाला लिया, लेकिन हिंसा जारी है। इस बीच उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं। शाहपुर के कुटवा-कुटवी के साथ ही हडौली में सांप्रदायिक हिंसा भड़की है। इसमें चार लोगों के मरने की सूचना है।



यहां पर प्रधान के भाई की हत्या की पुष्टि कर दी गई है। धर्मस्थलों में तोडफ़ोड़ भी हुई है। शनिवार के दंगे में रात तक दस लोगों को मरने की पुष्टि हुई थी, आज यह संख्या 14 पहुंच गई है। मीरापुर, रामराज, जानसठ, मंसूरपुर व भोपा के कई गांवों में फायरिंग हो रही है। भोपा थाना क्षेत्र में भी लाशें मिलने की सूचना है। मृतकों की संख्या काफी हद तक बढ़ सकती है। जौली गांव के पास कई शव मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया है। हालांकि अभी तक जिला प्रशासन की ओर से पुष्टि नहीं की गई है। गांव में अफरा-तफरी का माहौल है। इसी बीच एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार भी मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। उन्होंने पुलिस व प्रशासन के अफसरों की बैठक कर उनको स्थिति जल्द से जल्द ठीक करने के जरूरी निर्देश दिए हैं।
मुजफ्फरनगर के कवाल में दस दिन पहले छेड़खानी के विवाद में तीन लोगों की हत्या के बाद सुलगी चिंगारी शनिवार को शोला बन गई। इसके बाद तो शहर जल उठा। आइजी कानून व्यवस्था, आरके विश्वकर्मा ने बताया कि हिंसा में दस लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मुजफ्फरनगर शहर में क*र्फ्यू लगा दिया गया है। हालात पर काबू पाने के प्रयास चल रहे हैं। मेरठ के आइजी ब्रजभूषण शर्मा ने ने कहा है कि हालात काबू में करने के लिए मुजफ्फरनगर में 40 कंपनियां पीएसी, आरएएफ और आईबीपीटी के अलावा सेना की चार टुकड़ी मांगी गई हैं। इसके अलावा जोन के सभी पुलिस कप्तानों को आदेश दिए गए कि खुद क्षेत्र में निकले। रिजर्व में रखे गए फोर्स को भी लगाने के निर्देश दिए। साथ ही कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुजफ्फरनगर की सांप्रदायिक हिंसा की लपट मेरठ देहात तक पहुंच गई है मवाना के निलोहा में धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ के बाद फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मेरठ व मुजफ्फरनगर के सीमावर्ती इलाकों में जबरदस्त तनाव है। कई स्थानों पर हिंसा का क्रम देर रात तक जारी रहा। मुजफ्फरनगर के कवाल में 27 अगस्त को लड़की से छेड़खानी के मामले में तीन लोगों की हत्या के बाद से ही माहौल तनावपूर्ण हो गया था। शहर ने कफर््यू भी झेला, इसके बाद भी मामला सुलगता ही रहा।
कल नंगला मंदौड़ में शासन व प्रशासन के प्रतिबंध के बाद भी हुई महापंचायत में बड़ी संख्या में लोगों के उमड़ने के बाद से ही अनहोनी की आशंका थी, लेकिन शासन व जिला प्रशासन इसके प्रति गंभीर नहीं था। दावे थे कि जिले की सीमा को सील कर दिया गया है लेकिन इसके बाद भी 50-60 हजार लोगों की भीड़ महापंचायत में जुटी।
पंचायत में जा रहे लोगों पर बसी गांव में संप्रदाय विशेष के लोगों ने पथराव व फायरिंग कर दी। हमले में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। जैसे ही घायल लोग महापंचायत स्थल पर पहुंचे तो भीड़ में आक्रोश फैल गया। पंचायत स्थल से थोड़ी दूरी पर अल्पसंख्यक समुदाय के युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसकी सूचना शहर में पहुंची तो शहर के मीनाक्षी चौक, अबुपुरा, किदवईनगर, कृष्णापुरी, खादरवाला, शेरनगर समेत कई स्थानों पर दोनों समुदाय के लोगों में आमने-सामने पथराव व फायरिंग हुई।
अबुपुरा में कवरेज करने पहुंचे एक चैनल के पत्रकार राजेश वर्मा की गोली लगने से मौत हो गई। एक अन्य फोटो-पत्रकार के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है। कृष्णापुरी में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इसके अलावा पंचायत से लौट रहे लोगों पर जौली गंगनहर और मीरापुर के मुझेड़ा के पास जमकर फायरिंग व पथराव हुआ। फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई। जानसठ रोड पर शेरनगर के पास पंचायत से लौट रहे लोगों पर जमकर पथराव व फायरिंग हुई। गोली लगने से कई लोग घायल हो गए।
पुलिस प्रशासन ने शाम पांच बजे के बाद शहर में कफर््यू घोषित कर दिया। शहर में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। मंसूरपुर थानाक्षेत्र के पुरबालियान में भी लोगों पर फायरिंग तथा पथराव हुआ, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा घायल हुए। बुढ़ाना मे बस पर पथराव में एक दर्जन लोग घायल हुए। एडीजी रेलवे मुकुल गोयल, आइजी कानून व्यवस्था आरके विश्वकर्मा, आइजी ब्रजभूषण, मेरठ के डीआइजी के सत्यनारायण, मंडलायुक्त सुधीर कुमार श्रीवास्तव, डीएम कौशल राज शर्मा, एसएसपी सुभाष दुबे ने पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ, आरआरएफ व आरएएफ के साथ चौराहों पर मोर्चा संभाल रहें है। रात में ही सेना भी टुकडिंयां भी पहुंचने लगी थीं।
आइजी कानून व्यवस्था, आरके विश्वकर्मा ने बताया कि हिंसा में दस लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मुजफ्फरनगर शहर में क*र्फ्यू लगा दिया गया है। हालात पर काबू पाने के प्रयास चल रहे है। आईजी मेरठ जोन, ब्रजभूषण शर्मा ने जानकारी दी है कि हालात काबू में करने के लिए मुजफ्फरनगर में 40 कंपनियां पीएसी, आरएएफ और आईबीपीटी के अलावा सेना की चार टुकड़ी मांगी गई है। इसके अलावा जोन के सभी पुलिस कप्तानों को आदेश दिए गए कि खुद क्षेत्र में निकले। रिजर्व में रखे गए फोर्स को भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
 
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