jassmehra
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नलखेड़ा (आगर-मालवा, मध्यप्रदेश)। देश-दुनिया के किसी भी कोने से भक्त अब मां बगलामुखी के लाइव दर्शन कर सकेंगे। उज्जैन के महाकाल समेत अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की तर्ज पर आगर जिले के नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी मंदिर इसी महीने ऑनलाइन हो जाएगा। प्रशासन 'मां बगलामुखी ऐप' सुविधा लांच करने जा रहा है। इससे भक्तों को इंटरनेट और एप पर घर बैठे प्रात: और सायंकालीन आरती, दर्शन सहित अन्य सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। मां बगलामुखी एप को भक्त मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से निशुल्क डाउनलोड कर सकेंगे।
साथ ही इंटरनेट पर माता की वेबसाइट और एप द्वारा मंदिर के ऑनलाइन दर्शन, लोकेशन, इतिहास, आसपास के प्रसिद्ध रमणीय पर्यटन स्थलों की जानकारी, पहुंच मार्ग, व्यवस्थाओं आदि की जानकारी मिल सकेगी। वहीं भक्त मंदिर के लिए दान और चढ़ावा भी ऑनलाइन मंदिर समिति के दिए गए खाता नंबर में जमा कर सकेंगे। मां के श्रृंगार की बुकिंग भी हो सकेगी।
मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और एसडीएम जीएस डाबर, समिति सचिव व तहसीलदार मुकेश सोनी ने बताया यह सुविधा माता मंदिर की प्रसिद्धि, प्रचार-प्रसार और श्रद्धालुओं की सहुलियत के उद्देश्य से तैयार की जा रही है। इसे सिंहस्थ-16 के मद्देनजर भी देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए शासकीय आईटी अमले की मदद से तैयार करवाया जा रहा है।
पर्यटन नगरी का इतिहास
मां बगलामुखी का महाभारत कालीन मंदिर है। लखुंदर नदी के किनारे उत्तर-पश्चिम स्थित मंदिर में मां की उपासना के लिए देश-विदेश से भी भक्त आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिस स्थान पर मां बगलामुखी विराजित होती हैं, वह नगर प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त रहता है। यह मंदिर तांत्रिक साधना के लिए मुख्य माना जाता है। नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है।
ऑनलाइन सुविधा के लिए बीएसएनएल का ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया जा रहा है। साथ ही माता की वेबसाइट बनाने और मंदिर क्षेत्र में पुराने कैमरों के साथ नए हाई पॉवर कैमरे भी फिट करा रहे हैं। सभी ऑनलाइन कार्यों व तकनीकी सिस्टम को तैयार कर इसी माह के भीतर ऑनलाइन सुविधा को प्रारंभ कर दिया जाएगा।
साथ ही इंटरनेट पर माता की वेबसाइट और एप द्वारा मंदिर के ऑनलाइन दर्शन, लोकेशन, इतिहास, आसपास के प्रसिद्ध रमणीय पर्यटन स्थलों की जानकारी, पहुंच मार्ग, व्यवस्थाओं आदि की जानकारी मिल सकेगी। वहीं भक्त मंदिर के लिए दान और चढ़ावा भी ऑनलाइन मंदिर समिति के दिए गए खाता नंबर में जमा कर सकेंगे। मां के श्रृंगार की बुकिंग भी हो सकेगी।
मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और एसडीएम जीएस डाबर, समिति सचिव व तहसीलदार मुकेश सोनी ने बताया यह सुविधा माता मंदिर की प्रसिद्धि, प्रचार-प्रसार और श्रद्धालुओं की सहुलियत के उद्देश्य से तैयार की जा रही है। इसे सिंहस्थ-16 के मद्देनजर भी देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए शासकीय आईटी अमले की मदद से तैयार करवाया जा रहा है।
पर्यटन नगरी का इतिहास
मां बगलामुखी का महाभारत कालीन मंदिर है। लखुंदर नदी के किनारे उत्तर-पश्चिम स्थित मंदिर में मां की उपासना के लिए देश-विदेश से भी भक्त आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिस स्थान पर मां बगलामुखी विराजित होती हैं, वह नगर प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त रहता है। यह मंदिर तांत्रिक साधना के लिए मुख्य माना जाता है। नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है।
ऑनलाइन सुविधा के लिए बीएसएनएल का ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया जा रहा है। साथ ही माता की वेबसाइट बनाने और मंदिर क्षेत्र में पुराने कैमरों के साथ नए हाई पॉवर कैमरे भी फिट करा रहे हैं। सभी ऑनलाइन कार्यों व तकनीकी सिस्टम को तैयार कर इसी माह के भीतर ऑनलाइन सुविधा को प्रारंभ कर दिया जाएगा।