बेटे के कम अंक देख लगा ली फांसी

लखनऊ। अब माता-पिता ने भी बच्चों की पढ़ाई को 'स्टेटस सिम्बल' बना लिया है। अच्छी नौकरी और समाज में बेहतर मुकाम हासिल करने वाले लोग लाडलों की प्रतिभा पहचानने के बजाए उनसे बड़ी-बड़ी उम्मीदें लगा रहे हैं। नतीजा नाकामी सामने आने पर बच्चों के साथ अभिभावक भी तनाव से घिर जाते हैं। वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर की पत्**नी बेटे का परीक्षाफल देख इतनी दुखी हुई कि उन्होंने मौत को गले लगा लिया।
पुलिस के मुताबिक उन्होंने महज इसलिए खुदकुशी की क्योंकि उनका बेटा रिश्तेदार के बच्चे की तुलना में कम अंक पाया था।
आशियाना निवासी वेद प्रकाश सिंह वाणिज्य कर विभाग में डिप्टी कमिश्नर हैं। शनिवार को वे कार्यालय गए थे। घर में पत्**नी संध्या, बेटे विवेक व बेटी साक्षी के साथ थीं। दोपहर बाद संध्या ने दोनों बच्चों को घर से बाहर भेज दिया और फांसी लगा ली। बच्चे लौटे तो दरवाजा भीतर से बंद मिला।
काफी देर तक आवाज लगाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने सूचना पिता को दी। मामले की जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ा गया तो कमरे में संध्या का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि हाईस्कूल की परीक्षा में वेद प्रकाश के भतीजे के अंक ज्यादा आए थे जबकि उनका बेटा कम अंक पाया था। संध्या को तकलीफ थी कि उनके पति डिप्टी कमिश्नर हैं जबकि बेटा हाईस्कूल की परीक्षा में चचेरे भाई से कम अंक पाया। पुलिस के मुताबिक संध्या बेटे के करियर को लेकर बेहद फिक्रमंद थीं। दुखी होकर उन्होंने खुदकुशी कर ली।
 
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