Punjab News टी स्टाल से पहले खुल जाते हैं शराब के ठेके

सरकार की दरियादिली और ठेकेदारों की मनमानी नशामुक्त पंजाब का मजाक उड़ा रही है। ठेके खुलने का समय सुबह सात से रात 12 बजे तक है पर शटर काटकर बनाए गए ‘चोर मोर’ 24 घंटे उपलब्ध हैं।

चंडीगढ़ में सुबह 10 से रात 11 बजे तक शराब की दुकानें खुलती हैं और हरियाणा में नौ से रात 12 बजे तक। यहां के ग्रामीण इलाकों में ठेके एक घंटा पहले ही 11 बजे बंद होते हैं। सरकार की जब चाहो, तब पिओ की अघोषित नीति की बदौलत कई लोग ब्रेकफास्ट ही दारू से करने लगे हैं।

पंजाब की एक्साइज पालिसी में ठेके खुलने का निर्धारित दूसरे राज्यों से ज्यादा तो है ही, 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी शराब बेचने की छूट है। पड़ोसी राज्यों में 15 अगस्त और 26 जनवरी को 24 घंटे ठेके बंद रखने का प्रावधान है। पंजाब में इन दिनों सुबह सात से शाम पांच बजे तक ठेके बंद रखने और रात बारह बजे तक खोलने का प्रावधान है। समय से पहले ठेके खुलने पर जालंधर डिवीजन एक्साईज एंड टैक्सेशन कमिश्नर पीएस गिल का कहना है कि अगर ऐसा हो रहा है तो वे कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रीय अवकाश पर ठेके खोलने की बात पर उन्होंने कहा कि पंजाब में यह पहले से ही चला आ रहा है।

शराब की कमाई

नशा मुक्त पंजाब के नाम पर वोट बटोरने वाली सरकार अब ज्यादा से ज्यादा शराब बेचने के टारगेट बना रही है। 2010-11 में सरकार ने शराब से 2501 करोड़ की कमाई का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य वर्ष 2009-10 से 500 करोड़ ज्यादा है। 2010-11 की एक्साइज पॉलिसी में देसी शराब का कोटा भी पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी बढ़ाया गया है। इस साल दुकानों की संख्या में भी दो फीसदी बढ़ी है।
 
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