खडक पूजा के बाद नंदा विदा

jassmehra

(---: JaSs MeHrA :---)
गोपेश्वर। तेफना में थोकदारों के यहां खडक पूजा के साथ नंदा देवी की डोली जहां चौथे पड़ाव नंदप्रयाग में मां चंडिका के मंदिर पहुंची वहीं राज राजेश्वरी मां की डोली उस्तोली से भेंटी पहुंची। लोकजात यात्र को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह है। श्रद्धालु नंदा के जागरों व भजनों को गाकर मां नंदा को कैलाश के लिए विदा कर रहे हैं।1मां नंदा देवी की डोली छंतोली सुबह पूजा अर्चना के बाद अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। तेफना में थोकदारों ने खडक पूजा के साथ नंदा को भेंट अर्पित की। तदोपरांत मां नंदा को अगले पड़ाव के लिए विदा किया गया। नंदा देवी की डोली आठ किलोमीटर दूरी तय कर मंगरोली, रामबोरी, सेम से नंदप्रयाग पहुंची। जहां मां नंदा देवी का मां चंडिका से मिलन हुआ। चंडिका मंदिर में प्रात: पूजा अर्चना के बाद यात्र आगे बढ़ेगी।

दूसरी ओर, राज राजेश्वरी मां की डोली उस्तोली से 11 किलोमीटर दूरी तय कर सरपाणी, लांखी होते हुए भेंटी पहुंची। यात्र के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ढोल दमाऊं के साथ इस यात्र को विदा किया। नंदा देवी लोकजात जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, श्रद्धालुओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। गांवों में नंदा देवी लोकजात को लेकर खासा उत्साह है। लोकजात यात्र मार्ग पर ग्रामीण पैदल रास्तों को खुद ठीक कर यात्र का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस अवसर पर पुजारी मंशाराम गौड़, भागवत सिंह, नरेंद्र सिंह, इंद्र सिंह रावत, दिवान सिंह रावत, रविंद्र सिंह, कलम सिंह, हुकम सिंह रावत, बिजेंद्र सिंह आदि शामिल थे।संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: तेफना में थोकदारों के यहां खडक पूजा के साथ नंदा देवी की डोली जहां चौथे पड़ाव नंदप्रयाग में मां चंडिका के मंदिर पहुंची वहीं राज राजेश्वरी मां की डोली उस्तोली से भेंटी पहुंची। लोकजात यात्र को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह है। श्रद्धालु नंदा के जागरों व भजनों को गाकर मां नंदा को कैलाश के लिए विदा कर रहे हैं।

मां नंदा देवी की डोली छंतोली सुबह पूजा अर्चना के बाद अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। तेफना में थोकदारों ने खडक पूजा के साथ नंदा को भेंट अर्पित की। तदोपरांत मां नंदा को अगले पड़ाव के लिए विदा किया गया। नंदा देवी की डोली आठ किलोमीटर दूरी तय कर मंगरोली, रामबोरी, सेम से नंदप्रयाग पहुंची। जहां मां नंदा देवी का मां चंडिका से मिलन हुआ। चंडिका मंदिर में प्रात: पूजा अर्चना के बाद यात्र आगे बढ़ेगी। दूसरी ओर, राज राजेश्वरी मां की डोली उस्तोली से 11 किलोमीटर दूरी तय कर सरपाणी, लांखी होते हुए भेंटी पहुंची। यात्र के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ढोल दमाऊं के साथ इस यात्र को विदा किया। नंदा देवी लोकजात जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, श्रद्धालुओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। गांवों में नंदा देवी लोकजात को लेकर खासा उत्साह है। लोकजात यात्र मार्ग पर ग्रामीण पैदल रास्तों को खुद ठीक कर यात्र का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस अवसर पर पुजारी मंशाराम गौड़, भागवत सिंह, नरेंद्र सिंह, इंद्र सिंह रावत, दिवान सिंह रावत, रविंद्र सिंह, कलम सिंह, हुकम सिंह रावत, बिजेंद्र सिंह आदि शामिल थे।
 
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