कैट के रिजल्ट ने भी तरसाया

इंडियन इंस्टिट्यूट्स ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) ने ऑनलाइन कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के रिजल्ट का ऐलान संडे को कर दिया। प
हली बार कैट ऑनलाइन किया गया था जो वायरस अटैक की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। संडे को 12 बजे बाद घोषित किए गए रिजल्ट ने भी तरसाया। आठ आईआईएम में से महज दो - अहमदाबाद और शिलॉन्ग ने ही शॉर्ट लिस्ट किए गए कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की। वेबसाइट पर रिजल्ट देखने लोग उमड़ पड़े तो स्कोरबोर्ड एक्सेस सर्वर ठप हो गया। करीब तीन घंटे तक स्टूडेंट्स अपना स्कोरबोर्ड नहीं देख सके। छह बजे बाद सर्वर ने ठीक काम करना शुरू किया।

कैट के स्कोर बोर्ड के आधार पर 8 आईआईएम और 120 से ज्यादा मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट्स में स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है। अभी आईआईएम अहमदाबाद और शिलॉन्ग ने ही शॉटलिस्टेड कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए कॉल किया है। आईआईएम बेंगलुरु, कोलकाता, इंदौर, रांची, लखनऊ और कोझिकोड़ ने अभी शॉर्ट लिस्ट कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी नहीं की है।

कैट एग्जाम में 100 पर्सेंटाइल हासिल करने वाले विवेक गुप्ता ने बताया कि मुझे आईआईएम अहमदाबाद से कॉल आ गया है और मेरा सपना सच हो गया है। देश के टॉप मैनेजमेंट संस्थान से अब मैं पढ़ाई कर सकूंगा। लाखों में से 9 या 10 स्टूडेंट्स ही ऐसे होते हैं, जो 100 पर्सेंटाइल स्कोर हासिल कर पाते हैं। विवेक का कहना है कि दोपहर 1 बजे मैंने अपना रिजल्ट देख लिया था। आईआईएम कैट रिजल्ट के अलावा 10-12वीं की परफॉर्मेंस, ग्रैजुएशन के मार्क्स को भी वेटेज दी जाती है और उसके आधार पर इंटरव्यू के लिए कैंडिडेट को कॉल करते हैं।

करियर लॉन्चर इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर (ऐकडेमिक)अरिंदम लहरी के मुताबिक 3 बजे बाद तो स्टूडेंट्स अपना स्कोर कार्ड देख ही नहीं पाए। रिजल्ट के बाद शुरुआती समय काफी टेंशन से भरा होता है, ऐसे में स्टूडेंट्स को काफी परेशानी हुई। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन रिजल्ट को लेकर ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि स्टूडेंट्स को आसानी हो। इस बार तो एग्जाम में भी स्टूडेंट्स टेंशन में रहे थे। टाइम इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर उल्लास वैरागकर का कहना है कि इंजीनियरिंग कर चुके स्टूडेंट्स का नंबर काफी रहने की उम्मीद है। पिछले साल भी कैट क्लियर करने वालों में बी. टेक पास स्टूडेंट्स का नंबर बहुत था।

गौरतलब है कि इस बार कैट के एग्जाम की डेट बढ़ाई गई थी। 2.41 लाख स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया था और 2.20 लाख से कुछ अधिक स्टूडेंट्स ही 8 दिसंबर तक एग्जाम दे पाए थे। उसके बाद इस साल 30-31 जनवरी को उन स्टूडेंट्स के लिए फिर से एग्जाम कंडक्ट किया गया जो वायरस अटैक के कारण फर्स्ट फेज में एग्जाम नहीं दे पाए थे। इस कारण रिजल्ट भी काफी लेट हो गया।
 
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