Punjab News ऑल इज नॉट वेल इन पंजाब

‘इनकी नजर से राज्यपाल साहिब का भाषण देखूं तो लगता है पंजाब में ऑल इज वेल, लेकिन पिम्स की करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी कौड़ियों में बिकना, ट्रांसपोटर्स, छोटे केबल ऑपरेटर्स को जो रगड़ा ये (सत्ता पक्ष) लगा रहे हैं उसे देखकर लगता है कि पंजाब में ऑल इज नॉट वेल’ ये शब्द पंजाब विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करते हुए कांग्रेसी विधायक सुनील जाखड़ ने कहे।

जैसे ही वे बोलने लगे तो खाली पड़ा विधानसभा सदन धीरे धीरे भरने लगा। विधानसभा की कैंटीनों में चाय, पकौड़ों की चुस्कियां ले रहे विधायक सदन में आकर उन्हें ध्यान से सुनने लगे। जाखड़ ने अपने भाषण में सभी विभागों की बखियां उधेड़ीं । तमाम अखबारों की क्लिपिंग, आकंड़ों के जरिए उन्होंने विभागों की बातें सदन के सामने रखीं। इससे पहले बिक्रम मजीठिया ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। जाखड़ ने कहा कि बेशक तमाम अखबारें कहती रहें कि अकाली भाजपा सरकार ने तीन साल में अपना घोषणा पत्र पूरा नहीं किया, लेकिन मैं मानता हूं कि बादल साहिब के हिडन एजेंडे का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है केवल दस फीसदी ही शेष बचा है।


लोगों ने तो कहना शुरू कर दिया है कि बादल साहिब जानबूझकर सदन में नहीं आ रहे हैं, वह सुखबीर को सीएमशिप की रिहर्सल करवा रहे हैं। सरकार के रिफॉर्म्स के बारे में उन्होंने कहा कि तहसीलदार को अकाली कार्यकर्ताओं ने सरेआम उसके ऑफिस में पीटकर इसकी शुरुआत कर दी है और 40 नेताओं की लिस्टें डीसी को देकर संकेत दे दिया है कि यदि उनकी बात न मानी गई तो अगली बारी उनकी है। जाखड़ ने कहा पंजाब सरकार नरेगा, केंद्रीय पूल से गेहूं आदि हिस्सा लेने में नाकाम रही है। यदि ऐसा होता तो कम से कम नरेगा में 1500 करोड़ और गेहूं 91 लाख क्विंटल मिलता जिसे गरीबों को देकर उनकी दशा सुधारी जा सकती थी। उन्होंने जाली बने ब्लू कार्ड की जांच भी मांगी। उन्होंने सदन में जाली कार्ड की फोटो भी रखीं।


सुनील जाखड़ ने तमाम तरह की सब्सिडी से मिलने वाला पैसा गरीबों को डायरेक्ट देने के लिए कहा। उन्होंने शगुन व पेंशन योजनाओं के पैसे हड़पने का भी सरकार पर आरोप लगाया। यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र से मिलने वाली 700 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी का मात्र 500 रुपया ही किसानों को दिया गया है। इससे पहले मजीठिया ने महंगाई, 1984 के दंगों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस की खिंचाई की। उन्होंने डीजल पेट्रोल के रेट बढ़ाने,पंजाब के किसानों को पैकेज न देने के लिए केंद्र को कटघरे में खड़ा किया।
 
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