आसान नहीं कसाब को फांसी पर लटकाना

मुंबई में 26 नवंबर 2008में हुए आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई ग
ई। कसाब अगर हाई कोर्ट में अपील नहीं भी करता है, तो भी उसकी सजा की पुष्टि बॉम्बे हाई कोर्ट से करानी होगी। वैसे, कसाब से पहले ही फांसी देने के लिए तो देश की कई जेलों में बंद 308 अपराधी पहले से ही मृत्युदंड का इंतजार कर रहे हैं।

वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कम से कम 256 मामले ऐसे हैं जिनको निचली अदालतों के फैसले के समर्थन का इंतजार है। वहीं दूसरी तरफ कुल 52 लोगों ने राष्ट्रपति के समक्ष मौत की सजा के खिलाफ क्षमा याचना की अपील की है। यदि कसाब हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला करता है और सजा फांसी की ही रहने की सूरत में राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करता है तो वह उस कतार में खड़ा हो सकता है, जिसमें संसद पर हमले का आरोपी अफजल गुरु खड़ा है और जिसका नंबर 27 वां है।

कसाब से पहले मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। अफजल गुरु को संसद पर हुए आतंकवादी हमले में मौत की सजा सुनाई गई थी। मौत की सजा के खिलाफ अफजल गुरु ने राष्ट्रपति के सामने क्षमा याचना की है।
अडरवर्ल्ड डॉन टाइगर मेनन के भाई याकूब मेनन को मौत की सजा सुनाई गई थी। वर्ष 2006में मुंबई की आतंकवाद निरोधी विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने एक सवाल के जवाब में दिसंबर 2009 में लोकसभा में बताया, '31 दिसंबर 2007 तक देश के विभिन्न जेलों में बंद 308कैदी मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से 52 लोगों ने राष्ट्रपति के समक्ष मृत्युदंड के खिलाफ क्षमा याचना की अपील की है।'
 
Top