आज सिर चढे़गा हॉकी का जुनून

हॉकी का जुनून अब चरम पर है। भारत और पाकिस्तान के बीच 'सुपर' मुकाबले का मंच तैयार है। ह
ॉकी मैदान पर जब मुकाबला इन दोनों मुल्कों के बीच होता है तो सांसे मैदान से बाहर मुरीदों की अटक जाती हैं। कौन जाने बाजी किसके हक में पलट जाए। और इस बात का अंदाजा आप पाकिस्तानी हॉकी टीम के कप्तान के इस बयान से लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप में क्या करना है, बाद में सोचेंगे, पहले तो भारत के साथ मैच की फिक्र है।

रविवार से यहां शुरू हो रहे 12वें वर्ल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच सबसे अहम माना जा रहा है। हॉकी के जानकारों के साथ इस 'कुंभ' में शिरकत कर रही टीमों के ज्यादातर कप्तान भी इस बात पर एकमत हैं कि इस मुकाबले से वर्ल्ड कप, खासतौर पर पूल 'बी' की तस्वीर बहुत साफ हो जाएगी।

कप्तान भी मानें, अटकी रहेंगी सांसे

भारत के कप्तान राजपाल सिंह भी इस बात से इत्तफाक रखते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ यह मैच हमेशा की तरह सांस रोक देने वाला रहेगा। वहीं पाकिस्तान के कप्तान जीशान अशरफ भी यही कहते हैं कि भारत के खिलाफ यह मैच बहुत हद तक इस बात का फैसला करेगा कि ऊं ट आखिर किस करवट बैठेगा।

कुछ अलग अंदाज में दिखेगी कलाकारी

भारत ने चीफ कोच होजे ब्राजा की शागिर्दी में मुद्दत बाद अपनी कलात्मक एशियाई शैली को छोड़ कर फिर 'टोटल हॉकी' का दामन थामा है। इसके उलट पाकिस्तान का परंपरागत एशियाई शैली पर भरोसा कायम है। ब्राजा के मार्गदर्शन में भारतीय हॉकी टीम भले ही 3-3-3-1 के फॉर्मेशन से खेल रही है, लेकिन उसके खिलाड़ियों ने अभी भी परंपरागत हॉकी का दामन पूरी तरह नहीं छोड़ा। भारत दरअसल जिस शैली से खेलेगा, वह दिखे भले ही यूरोपीय, लेकिन यह यूरोप और एशिया की शैली का आदर्श तालमेल होगी। इसमें डॉज की अहमियत होगी, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत ही चतुराई से करने की दरकार है।

तुरुप के तीन इक्के

ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह, दिवाकर राम और धनंजय महाडिक के रूप में पेनल्टी कॉर्नर को भुनाने के लिए तुरुप के तीन इक्के हैं। ऐसा पहला मौका होगा, जब तीन ड्रैग फ्लिकर टीम में हैं। फॉरवर्ड लाइन गोल भले ही न करे, लेकिन यदि वह पर्याप्त पेनल्टी कॉर्नर बनाने में कामयाब रही तो फिर पाकिस्तान ही नहीं भारत पर उसके पूल 'बी' की किसी भी टीम के लिए उस पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल भारतीय टीम साल्टा में पूरी रंग में नजर आई थी। भारत ने पाकिस्तान से ज्यादा अभियान भी बनाए थे। मौकों भुनाने में जरूर भारत चूक गया था। भारत को इससे सबक लेकर इस बार इस गलती से बचना होगा। भारत के पास सरदार सिंह, धनंजय महाडिक और संदीप सिंह के साथ दिवाकर राम के रूप में अपने किले के ऐसे मजबूत प्रहरी भी हैं, जिन्हें लांघ कर जाना पाकिस्तान के रेहान बट, शकील अब्बासी, नवोदित हसीम खान और अख्तर अली के लिए खासा मुश्किल होगा।

पाक के पंज प्यारे

भारत ने यदि रेहान बट की मजबूत चौकसी कर ली तो फिर वह आधी जंग जीत लेगा। दरअसल रेहान बट भारत के खिलाफ अपना दो फीसदी देते हैं। यदि उनके भारत के खिलाफ मैचों के रेकॉर्ड पर नजर डाली जाए तो वह खासे कामयाब रहे हैं। रेहान बट अहम मैच में जरूरत के वक्त गोल करने का दम रखते हैं। रेहान बट, स्ट्राइकर शकील अब्बासी, मध्यपंक्ति के अनुभवी खिलाड़ी वसीम अहमद, ड्रैग फ्लिकर अब्बास और कप्तान फुलबैक जीशान अशरफ मिल कर पाकिस्तान को किसी भी जरूरी टूर्नामेंट के लिए अनुभव मुहैया कराते हैं। ये पांचों के पाकिस्तान के लिए खेले गए कुल 1328 इंटरनैशनल मैचों को जोड़ा जाए यह 1328 बैठती है। पाकिस्तान के ये पंज प्यारे यदि रंग में रहे तो फिर वह भारत की नाम में दम कर सकते हैं।

सुहेल अब्बास से चौकस

भारत को दुनिया के सबसे अनुभवी और कामयाब ड्रैग फ्लिकर सुहेल अब्बास से चौकस रहना होगा। यह निश्चित रूप से उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा और वह पाकिस्तान के लिए इस वर्ल्ड कप में यादगार प्रदर्शन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे। भारत की रक्षापंक्ति को अपने किले की मजबूत चौकसी करनी होगी। इनमें सरदार , संदीप और महादिक जैसे मजबूत फुलबैक के साथ गोलकीपर एड्रियन डिसूजा को भी पूरी मुस्तैदी दिखानी होगी।
 
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