अहमदाबाद में स्पेशल मुकाबले की उम्मीद

सीरीज अपने नाम कर चुकी भारतीय टीम शनिवार को तीसरे वनडे में साउथ अफ्रीका का क्लीन स्वीप करने के इरादे से उतरेगी। वहीं साउथ अफ्रीका की टीम अपनी अंतिम वनडे जीतकर अपनी इज्
जत बचाने की कोशिश करेगी।

मेजबान टीम में सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग समेत कई स्टार खिलाड़ी नहीं हैं। ग्वालियर में दूसरे वनडे में 200 रन बनाकर इतिहास रचने वाले तेंडुलकर को आराम दिया गया है। वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहली डबल सेंचुरी जड़ने वाले तेंडुलकर ने इंडियन प्रीमियर लीग से पहले तरोताजा रहने के लिए ब्रेक लिया है।

अनुभवहीन ओपनर
वीरेंद्र सहवाग कमर और गौतम गंभीर को कलाई में चोट है। ऐसे में मुरली विजय और दिनेश कार्तिक पारी की शुरुआत करेंगे। लिहाजा साउथ अफ्रीका के पेसर भारतीय टॉप ऑर्डर को झटका देने के मौके को भुनाना चाहेंगे। पेसर डेल स्टेन ने इससे पहले टेस्ट सीरीज में विजय को परेशानी में डाला था। कार्तिक ने शुरुआती दो वनडे में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद उनका उत्साह भी बढ़ा हुआ है। ग्वालियर में उन्होंने 79 रन बनाए थे और तेंडुलकर के साथ दूसरे विकेट के लिए करीब दोहरे शतक की पार्टनरशिप निभाई थी।

मिडल पर मार
तेंडुलकर, सहवाग, गंभीर और युवराज सिंह की गैरमौजूदगी में भी मिडल ऑर्डर जोश और उत्साह से भरा है। लेकिन रेग्युलर ऑर्डर की तुलना में काफी अनुभवहीन है। विपक्षी टीम को जीतने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता। विराट कोहली, सुरेश रैना, रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा जैसे युवाओं को मिडल ऑर्डर में जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें फॉर्म में चल रहे कप्तान महेंद सिंह धोनी और यूसुफ पठान शामिल हैं।

मेहमानों को मौका
साउथ अफ्रीका के पास सीरीज हार का अंतर कम करने का मौका होगा। मेहमान टीम की बैटिंग दोनों मैचों में नहीं चली। जयपुर में कप्तान जैक कालिस और ग्वालियर में एबी डिविलियर्स टॉप स्कोरर रहे, जिन्हें दूसरे बल्लेबाजों का साथ नहीं मिला। टॉप ऑर्डर में हर्शल गिब्स से उम्मीदें थीं, क्योंकि वह भारतीय पिचों और परिस्थितियों से बखूबी वाकिफ हैं। लेकिन उनका बल्ला दोनों वनडे में नहीं चला। जेपी डुमिनी पूरे टूर के फ्लॉप रहे हैं। इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी से काफी उम्मीदें होंगी, जिससे मेहमान टीम एक सांत्वना जीत दर्ज कर सके।

धार हुई बेकार
डुमिनी की ऑफ स्पिन भी निराशाजनक रही है, जिससे साउथ अफ्रीका की टीम की बोलिंग चिंताएं भी बढ़ गई हैं। तेंडुलकर और सहवाग जैसे धुरंधरों की कमी से पेसर स्टेन और वायने पार्नेल काफी राहत महसूस कर रहे होंगे, खासकर पार्नेल जो ग्वालियर में इस मास्टर बल्लेबाज को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास के बावजूद विफल रहे। अब ये दोनों भारत की नई ओपनिंग जोड़ी को जल्दी पविलियन भेजने की कोशिश करेंगे।
 
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