अभिनव बिंद्रा से पंगे के बाद आई अक्ल

शूटर अभिनव बिंद्रा ने जब सिलेक्शन की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए, तो उन्हें सजा भुगतनी पड़ी। लेकिन अब लगता है कि असोसिएश
न को अक्ल आ गई है। चयन प्रक्रिया को लेकर आलोचना के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने इसमें बदलाव करके कुछ मामलों में निशानेबाजों के इंटरनैशनल स्कोर पर विचार करने का फैसला किया है।

एनआरएआई ने इसके साथ ही साफ किया कि बदली हुई नीति 13 मार्च से पहले चुनी गई टीमों पर लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मानदंडों में बदलाव से लंदन में 2012 में होने वाले ओलिंपिक खेलों तक चयन किया जाएगा। केवल 12 निशानेबाज ही राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम में जगह बनाने के हकदार होंगे।

एनआरएआई ने बयान में कहा कि चयन प्रक्रिया किसी भी वर्ष की राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियनशिप से शुरू होगी। इसमें 12 निशानेबाजों की पहचान की जाएगी जो राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम में चयन के हकदार होंगे। बयान के अनुसार निशानेबाज का नैशनल चैंपियनशिप में बनाया गया स्कोर अनिवार्य आधार स्कोर होगा। विभिन्न मानदंडों के आधार पर निशानेबाजी टीमों के तीन वर्ग राष्ट्रीय एक्सिलेंस टीम (एनईटी), राष्ट्रीय ए टीम (एनएटी)और राष्ट्रीय बी टीम (एनबीटी) होंगे।

संघ ने कहा कि हर साल तीन ट्रायल्स होंगे और इनमें से पहला सभी के लिए अनिवार्य होगा। सामान्य परिस्थितियों में दो ट्रायल्स होंगे लेकिन जिस वर्ष आईएसएसएफ प्रतियोगिताएं साल के आखिरी महीनों में होंगी तब तीन ट्रायल्स भी किये जा सकते हैं।
 
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