हरविंदर को जेल और बलजिंदर को बेल, आखिर क्यो&#2

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हरविंदर को जेल और बलजिंदर को बेल, आखिर क्यों?



नई दिल्ली।। इस देश में 2 लोगों ने लगभग एक ही तरह का अपराध किया , लेकिन दोनों के खिलाफ अलग-अलग तरह से बर्ताव हो रहा है। ये दोनों आरोपी हैं , केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को थप्पड़ मारने वाले हरविंदर सिंह और पंजाब के मुक्तसर में महिला टीचर को थप्पड़ मारने वाले सरपंच बलजिंदर सिंह। इनमें एक बुनियादी फर्क है। पहली घटना में एक आम आदमी ने एक नेता को थप्पड़ मारा , वहीं दूसरी घटना में एक नेता ने आम महिला को थप्पड़ मारा।

पहली घटना दिल्ली की है। युवक हरविंदर सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को थप्पड़ मारा। हरविंदर, पवार से नाराज था। वह पूरे देश की परेशानियों से परेशान था। यानी महंगाई से परेशान था। उसे लगा कि इसके लिए शरद पवार दोषी हैं। इसके लिए उसने पवार को ' सिर्फ एक थप्पड़ ' मारा। वह पकड़ा गया। उसे जेल भेज दिया गया। कोर्ट को लगा कि उसका बाहर रहना खतरनाक साबित हो सकता है। कोर्ट ने उसे तुरंत 14 दिन की जुडिशल कस्टडी में भेज दिया।

दूसरा वाकया पंजाब के मुक्तसर का है। मंगलवार को मुक्तसर में एक महिला टीचर भटिंडा की सांसद हरसिमरत सिंह कौर के पास अपनी मांग लेकर गई। वहां मौजूद सरपंच बलजिंदर को यह बुरा लगा। उसने सरेआम उस महिला टीचर की पिटाई कर दी। बलजिंदर ने महिला को एक थप्पड़ नहीं मारा , लगातार कई थप्पड़ जड़ दिए। महिला की सरेआम पिटाई के बावजूद बलजिंदर को तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया। मुक्तसर का यह सरपंच अब मुक्त है।

अगर हक की मांग करने गई महिला को कई थप्पड़ लगाने वाले सरपंच को तुरंत जमानत दी जा सकती है , तो फिर सिर्फ एक थप्पड़ लगाने वाले हरविंदर को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए ? क्या हरविंदर का अपराध इसलिए बड़ा है कि उसने एक केंद्रीय मंत्री को थप्पड़ मारा है ?

 
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